एकनाथ शिंदे लगातार फिलहाल सुर्खियों में बने हुए है और उनके हर कदम से महाराष्ट्र की राजनीति पूरी तरह से प्रभावित हो रही है इस बात मे कोई भी संशय नही है. मगर जब हम अभी की बात करते है तो फिलहाल के लिए वो काफी उहापोह में फंसे हुए है क्योंकि उन्हें ठाकरे और उनके साथियो से सीधे तौर पर टक्कर लेनी है और ये आसान काम तो बिलकुल भी नही होने जा रहा है. मगर उनके इरादे और घोषणाएं काफी सख्त और मजबूत नजर आ रही है.
नए दल की घोषणा, नाम होगा शिवसेना बालासाहेब
अभी हाल ही में शिंदे केम्प की तरफ से एक बड़ी घोषणा की है जिसके तहत उन्होंने अपना एक नये नाम के साथ में गुट बना लिया है और उसका नाम रखा गया है शिवसेना बालासाहेब. यानी वो खुदको बाल ठाकरे की विरासत से अलग नही करना चाहते है बल्कि उससे जुड़ाव के साथ में ही इस राजनीति में बने रहना चाहते है. हालांकि अभी आधिकारिक रूप से उनका इस पर अधिकृत होना बाकी है.
इस नाम को लेकर के अभी तक शिवसेना के बाकी नेताओं जैसे उद्धव ठाकरे या फिरसंजय राउत आदि की तरफ से कोई भी ख़ास प्रतिक्रिया देखने को नही मिली है लेकिन इतना तो तय तौर पर माना जा रहा है कि ये जो कुछ भी हुआ है देखने में आया है उसके बाद में शिंदे का वापिस लौटकर के जाना लगभग असंभव सा ही नजर आने लग रहा है.
शिवसेना के दुसरे गुट में भी हुई बैठक
वही दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे और उनके साथी नेताओं ने भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई और कई बड़े व वरिष्ठ नेता इसमें शामिल हुए है. यहाँ पर इस बैठक में पूरा मुद्दा इसी बात को लेकर के के बना रहा कि ये बाला साहेब की पार्टी है और इसकी विरासत हमारे पास में ही रहनी चाहिए.
खैर जो भी है अभी इस पूरे घटनाक्रम के बीच में आगे चलकर के क्या कुछ देखने में सुनने में आता है ये अपने आप में सोचने समझने वाली बात होगी. अभी के लिए भाजपा भी इस पर चुप ही बैठी नजर आ रही है.