अभी के लिए जिस तरह से महाराष्ट्र में चीजे बदल रही है उसने शिवसेना की ताकत और स्थिति दोनों को ही प्रदेश की राजनीति में बदलकर के रख दिया है. जिस तरह से सब कुछ बदल रहा है और देखने में आ रहा है वो अपने आप में बहुत ही ज्यादा अजीब है और कई लोगो की पकड़ से भी ये राजनीतिक घटनाक्रम छूटता जा रहा है क्योंकि किसी को भी समझ नही आ रहा कि ये सब इतनी तेजी के साथ में हो क्या रहा है? मगर घाटे में हर जगह शिवसेना ही दिखाई दे रही है.
मैं अपना इस्तीफा साथ लेके घूमता हूँ, विधायक आये और लेकर जाये
अभी हाल ही में उद्धव ठाकरे ने पूरे घटनाक्रम के बीच में टीवी के साथ में अपने पार्टी के लोगो और प्रदेश की जनता को एक साथ में टीवी के माध्यम से संबोधित किया. उन्होंने यहाँ पर अपनी तरफ से ऐसा दर्शाने का प्रयास किया है मानो उन्हें पद की कोई भी लालच नही है. संबोधन में ठाकरे ने कहा कि मैं ख़ुशी से पद छोड़ने को तैयार, अगर कोई और शिवसैनिक सीएम बनेगा तो मुझे ख़ुशी ही होगी.
आगे उद्धव ठाकरे ने कहा अगर मेरे विधायक और शिवसैनिक मुझे मुख्यमंत्री के पद पर नही देखना चाह रहे है तो मैं इस्तीफ़ा ही दे दूंगा. मगर एकनाथ शिंदे को भला सूरत में जाकर के बात करने की क्या आवश्यकता थी? मैं अपना इस्तीफ़ा अपने हाथ में लेकर के बैठा हुआ हूँ. सभी विधायक यहाँ पर आइये और मेरा इस्तीफ़ा जब चाहिए तब लेकर के जाइए.
लोगो का भरोसा जीतने की भी कोशिश की
इसके बाद में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने लोगो को ये भी कहा कि हम लोग हिंदुत्व के रास्ते से आज भी नही भटके है. पहले जो बाला साहब ठाकरे की शिवसेना थी और आज की पार्टी है उसमे कोई भी फर्क नही है.
कही न कही ये सब कुछ देखकर के इतना तो साफ़ हो ही जाता है कि अभी के लिए हम पूरी स्थिति परिस्थिति ठीक से अभी के लिए चाहे समझ न पा रहे हो लेकिन शिवसेना अभी के लिए बहुत ही अधिक चिंता में डूब चुकी है.