भारत और खाड़ी देशो के सम्बन्ध इन दिनों में कुछ ख़ास ज्यादा अच्छे चल नही रहे है और इसके पीछे का कारण है एक छोटा सा विवाद जिसके कारण से देश और दुनिया भर में लोग अपनी अपनी तरफ से प्रतिक्रिया देते हुए नजर आ रहे है. अभी इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण है नुपुर शर्मा जिन्होंने मुस्लिम धर्म के ऊपर कुछ ऐसी टिप्पणी कर दी थी जिसके कारण से खाड़ी देश भारत से माफ़ी तक की मांग कर रहे है. इसी बीच एक और बड़ी खबर आ रही है.
क़तर के सुपरमार्किटो से हटाये गये भारतीय प्रोडक्ट्स, बोले नही बिकेंगे
अभी हाल ही में क़तर के कई बड़े बड़े मॉल और सुपरमार्किट से भारतीय प्रोडक्ट्स जैसे यहाँ के मसाले, चाय, अनाज, पैकेज्ड फ़ूड आदि को हटा लिया गया है और जहाँ पर हटाया नही गया है वहां पर इनके ऊपर एक सफ़ेद टेप लगाकर के लिख दिया गया है ‘हम यहाँ पर भारतीय प्रोडक्ट नही बेचते है.’ ऐसा काफी बड़े स्तर पर किया जा रहा है, जो खुद सरकार नही कर रही है लेकिन इनके यहाँ के व्यापारी और लोग कर रहे है.
जाहिर तौर पर सरकार की मौन सहमति के बिना ऐसा इतने बड़े स्तर पर कर पाना संभव नही होता तो साफ़ तौर पर ये तो हम मान ही सकते है कि कही न कही इसमें कतर की सरकार भी एक तरह से अपना सपोर्ट दे ही रही है ताकि भारत के ऊपर माफ़ी मांगने का दबाव बनाया जा सके.
अजीब स्थिति में मोदी सरकार, करोडो भारतीयों की आर्थिक स्थिति दांव पर
आपको मालूम न हो तो बता दे अभी एक करोड़ से भी ज्यादा भारतीय पश्चिमी व मिडल ईस्ट देशो में रहते है. ऐसे में भारत के कुल विदेशी मुद्रा जो बाहर से आती है उसकी लगभग आधी इन्ही खाड़ी देशो से आती है व ये भारत के काफी महत्त्वपूर्ण ट्रेडिंग पार्टनर भी बन चुके है.
अब ऐसी स्थिति में इन देशो एक साथ में भारत आर्थिक कारणों के चलते हुए सम्बन्ध खराब करना नही चाह रहा है और ऐसे में क़तर जैसे देश इसका फायदा कुछ अलग ही तरीके से उठाते हुए नजर आ रहे है.