भारत आज विश्व में एक बड़ी और ताकतवर अर्थव्यवस्था के रूप में विख्यात हो चुका है और ये बात हम भी काफी अधिक अच्छे तरीके से जानते है. हम अगर अभी की बात करते है तो भारत बस एक चीज को लेकर के दुनिया पर काफी अधिक निर्भर है और वो है कच्चा तेल. इसमें मिडल ईस्ट देशो से भारत अच्छा खासा तेल आयात करता है और इस वजह से किसी भी मुद्दे पर भारत भारत पर खाड़ी देश दबाव बना पाने में कामयाब हो जाते है, क्योंकि तेल एक बेसिक जरूरत बन चुका है.
एथेनोल ब्लेंडिंग युक्त पेट्रोल होगा उपयोग, बाकी तेल रूस और अमेरिका जैसे देशो से मंगवाया जायेगा
अभी हाल ही में भारत ने अपने तेल में 10 प्रतिशत एथेनोल ब्लेंडिंग का लक्ष्य हासिल कर लिया है और 2025 तक इसे 20 प्रतिशत तक कर लिया जायेगा. यानी पेट्रोल में डीजल में 20 प्रतिशत तक अब एथेनोल होगा और कई एक्सपर्ट मानते है आने वाला वक्त ब्राजील जैसा भी हो सकता है जहाँ पर 80 प्रतिशत तक एथेनोल होगा और महज 20 प्रतिशत पेट्रोल रहेगा और उसे गाडी में डालकर के ईंधन के रूप में उपयोग कर सकेंगे.
इससे भारत आज अगर कही पर 1 लाख बैरल तेल इम्पोर्ट करता है तो आगे चलकर के सिर्फ 20 हजार बैरल ही इम्पोर्ट करने पड़ेंगे और इतना कम तेल तो किसी भी देश से मंगवाया जा सकेगा. अगर ऐसा हो जाता है है तो तेल को लेकर भारत की मिडल ईस्ट पर जो निर्भरता है वो लगभग न के बराबर ही रह जायेगी.
इलेक्ट्रिक वाहनों की सेल में भी बढ़ोतरी
वही दूसरी तरफ से भारत दोहरी चाल ये चल रहा है कि जल्द से जल्द इलेक्ट्रिक वाहनों की नीति बेहतर कर रहा है और आने वाले वक्त में 2030 तक भारत की अधिकतर ट्रेन की ट्रैक और पब्लिक बसे आदि इलेक्ट्रिक हो जाने वाली है और अगले कुछ वर्षो में हाईवे पर भी इलेक्ट्रिक ट्रक कामयाब करने पर काम चल रहा है.
इससे भारत कच्चे तेल पर लगभग न के बराबर निर्भर रह जायेगा और इससे न सिर्फ भारत का काफी पैसा बचेगा बल्कि साथ ही साथ में भारत को डिप्लोमेसी में भी काफी बढ़त मिल जायेगी क्योंकि आगे चलकर के कुछ तेल उत्पादक देशो के नाराज होने का डर नही रह जाएगा.