अभी के दिनों में नुपुर शर्मा केस देश और दुनिया भर में चर्चा का विषय बना हुआ है. आपको मालूम न हो तो बता दे अभी कुछ समय एक टीवी शो पर चर्चा के दौरान नुपुर ने इस्लामिक धर्म की कुछ कथित मान्यताओं का जिक्र करते हुए तंज कसा था ताकि वो ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर हिन्दू धर्म के पक्ष को डिफेंड कर सके और उन्होंने उस वक्त वो कर भी दिया, मगर उनके बयान पर मुस्लिम समुदाय के लोगो ने देश और दुनिया भर के लोगो ने आपत्ति जताई.
खाड़ी देश कर रहे भारत सरकार का विरोध, कर रहे सार्वजनिक माफ़ी की मांग
नुपुर शर्मा को हालांकि सस्पेंड कर दिया गया है लेकिन इसी बीच मुस्लिम संगठनों और देशो से बयान आने रूक नही रहे है. क़तर और सऊदी समेत कई मुस्लिम देशो ने भारत सरकार की नुपुर शर्मा के बयान को लेकर के आलोचना की है और बादमे कार्यवाही की भी यूएन से माँग की है. क़तर ने तो भारतीय राजदूत को भी समन कर दिया था.
वही दूसरी तरफ मुस्लिम देशो के संगठन ओआईसी ने इस पूरे मामले पर यूएन के मानवाधिकार परिषद् को लिखते हुए कहा कि भारत में अल्पसंख्यको के अधिकार सुरक्षित नही है और इस कारण से इसे सुरक्षित करने के लिए भारत के खिलाफ कार्यवाही की जानी चाहिए, हालांकि भारत सरकार ने तय समय पर ही इन सबको जवाब दे दिया है.
मनीष सिसोदिया बोले, इतने छोटे देशो की भारत को आँख दिखाने की हिम्मत
इस पूरे मामले के ऊपर दिल्ली सरकार में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अपनी तरफ से बयान देते हुए मोदी सरकार पर तंज कसा और कहा कि आज भारत जैसे महान देश को इतने छोटे छोटे देशो की आँख दिखाने की हिम्मत हो गयी? भाजपा ने देश का क्या हाल कर दिया? ये सब देखकर के हर देश का वासी दुखी है.
कही न कही यहाँ पर सिसोदिया ने इस पूरे मामले के ऊपर राजनीति करने की कोशिश की है और साथ ही साथ में भारत की महानता का बखान तो किया ही है.