हिन्दू धर्म से जुड़े हुए लोग धीरे धीरे अपनी सभ्यता व संस्कृति को वापिस हासिल करने का प्रयास कर रहे है और सरकारों ने भी इसमें काफी बढ़ चढ़कर के सहयोग किया है लेकिन क़ानून के दायरे में रहते हुए. अगर अभी की बात करे तो ज्ञानवापी का मामला विवादों में घिरा हुआ है लेकिन एक जगह का मसला सुलझ चुका है और उस पावन स्थान का नाम है अयोध्या. लम्बे समय तक कोर्ट के आदेश के बाद में एक बड़ी सुखदाई और लोगो को प्रसन्न करने वाली खबर आ रही है.
1 जून से मंदिर के गर्भगृह का निर्माण शुरू, योगी आदित्यनाथ रखेंगे पहली शिला
अभी जो रिपोर्ट आ रही है उसके अनुसार राम मंदिर के गर्भ गृह के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जाने वाली है और इसके लिए 1 जून की तारीख तय कर दी गयी है. इस दिन खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या में पधारेंगे और कई बड़े साधू संत भी अच्छी खासी संख्या में वही पर ही मौजूद होंगे जिनकी मौजूदगी में पूजा आर्चना के बादमे मंदिर के गर्भ गृह की पहली शिला रखी जायेगी.
आपको मालूम हो तो राम मंदिर के लिए भूमिपूजन हेतु खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या आये थे और कार्य शुरू करवाकर के गये थे और तब से मंदिर के बाहर के कार्य होते रहे है लेकिन मुख्य गर्भ गृह बनना अब शुरू होगा. 1 जून को सुबह के समय 11 वैदिक आचार्यो की उपस्थिति में मन्त्र आदि का उच्चारण होगा और ये प्रक्रिया सुबह नौ बजे से शुरू होने के बाद में लगभग 11 बजे तक चलने वाली है.
2023 के अंत तक काफी काम हो जाएगा
माना जा रहा है कि आने वाले वर्ष 2023 के दिसम्बर तक गर्भ गृह पूरी तरह से बनकर के तैयार हो जाएगा और मंदिर के आस पास से लेकर खुद बिल्डिंग का भी काफी सारा काम हो चुका होगा और तब एक नए सिरे से लोग सुव्यवस्थित रूप से दर्शन करने के लिए भी आ सकेंगे, यानी अभी कम से कम डेढ़ से दो वर्ष का समय और लगने ही वाला है.
हालांकि मोदी सरकार चाह रही है कि आने वाले लोकसभा चुनावों से पहले ही ये सब काम कर लिया जाए क्योंकि ऐसा होने पर जाहिर तौर पर लोगो की भावना इस सरकार के प्रति और अधिक प्रबल होगी और फायदा मिलेगा.