पिछले सत्तर सालो से जवान हो रहा भारत देश अपने आप में एक बहुत ही ज्यादा तीव्रता के साथ में उभर रही महाशक्ति के रूप में सामने आया है और आज अधिकतर देश भारत के साथ में बेहतर सम्बन्ध की कोशिश कर रहे है. अगर हम अभी की बात करे तो जहाँ पर अधिकतर देशो की इकॉनमी डांवाडोल हो रखी है वही भारत एक नयी प्रगति की रफ़्तार पर है और ये बात केवल अखबारो में नही बल्कि डाटा में और जमीनी हकीकत में भी नजर आ रही है जो भारत में इन्वेस्टमेंट को दर्शा रही है.
भारत में एफडीआई अपने उच्चतम स्तर पर, एक वर्ष में 84 बिलियन डॉलर का निवेश
जहाँ दुनिया भर की उभर रही अर्थव्यवस्थाओ से दुनिया भर के अमीर लोग अपना पैसा निकाल रहे है वही भारत में इसके उलट बाहर के निवेशको ने भरोसा जताया है और आज की तारीख में भारत में इस बीते हुए वर्ष 2021-22 में कुल 84 बिलियन डॉलर का निवेश आ चुका है जो पिछले वर्षो की तुलना में कई प्रतिशत अधिक है. इससे न सिर्फ ये पता चलता है कि भारत के बाजारों पर इंटरनेशनल मार्किट में भरोसा बढ़ा है बल्कि भविष्य भी सुनहरा है.
अगर हम बात करे इस निवेश के वर्गीकरण की तो अधिकतर पैसा इसमें से आईटी सेक्टर और मेनुफक्चारिंग में ही आया है. अगर बात करे लाभार्थी राज्यों की तो इससे लाभान्वित होने वाले बड़े राज्य कर्नाटक, दिल्ली, गुजरात और महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश है जिनमे इस निवेश का 80 प्रतिशत से भी अधिक हिस्सा गया है.
सिंगापुर और अमेरिका से आ रहा भारी निवेश
भारत में भरोसा जताने वाले देशो की बात करे तो वर्तमान में भारत में सबसे अधिक विदेशी निवेश सिंगापुर से आया है जो लगभग 27 प्रतिशत है वही 16 प्रतिशत विदेशी निवेश हमें अमेरिका से देखने को मिला है. इसके अलावा जापान, यूरोप और मोरिशस के रास्ते से भी भारत की इकॉनमी अच्छा ख़ासा पैसा पहुंचा है.
यानी आने वाला भारत का भविष्य उज्ज्वल है और अगर इस तरह से पैसा भारत की अर्थव्यवस्था में भरता रहता है तो फिर आने वाले वक्त में भारत के लिए 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनना भी बहुत ही अधिक मुश्किल बात नही रह जायेगी..