आज भारत विश्व में एक अच्छी खासी उभरती हुई ताकत है और हम काफी बेहतर तरीके से जानते है कि ऐसे समय में बहुत से देश है जो भारत के साथ में मित्रवत व्यवहार को बढ़ाना चाह रहे है. मगर कुछ देश लम्बे समय से भारत के ख़ास करीबी रहे है और रूस का नाम इनमे सबसे अधिक टॉप पर आता है लेकिन जब हम लोग बात करते है अभी के दिनों की तो भारत अब एक जगह पर निर्भरता को छोड़ रहा है और एक नया देश भारत के टॉप मित्र के रूप में उभर रहा है.
फ्रांस भारत का सबसे नजदीकी मित्र बनने के बेहद करीब
दोनों देशो के बीच डिफेन्स और आर्थिक सम्बन्ध अपने उच्चतम स्तर पर है. लम्बे समय से रूस भारत का सबसे टॉप डिफेन्स सप्लायर रहा है लेकिन बीते 20 वर्षो में फ्रांस भी भारत के दूसरा सबसे बड़ा डिफेन्स सप्लायर बन चुका है और दोनों देशो के बीच में ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी को लेकर भी रूस की तुलना में कम मतभेद है. आज भारत रूस की बनी कई सबमरीन, मिलिट्री सामान और एयरक्राफ्ट तक इस्तेमाल कर रहा है.
वही फ्रांस ने भारत के विरोधी देशो जैसे चीन और पाक को अपने मिलिट्री सामान न बेचने का फैसला करके भारत का भरोसा अधिक मजबूत करने की कोशिश की है, जबकि रूस और अमेरिका जैसे देश ऐसा करने से परहेज नही करते है. वही भारत फ्रांस दोनों का आर्थिक व्यापार भी 12 बिलियन यूरो से अधिक का हो चुका है जो भविष्य में 20 के आंकड़े को भी पार कर सकता है.
इंटरनेशनल फोरम से लेकर मुश्किल वक्त में खड़ा रहने वाला इकलौता यूरोपियन देश
भारत और फ्रांस की बढ़ रही मित्रता का उदाहरण इस बात से समझा जा सकता है कि करोना के समय में फ्रांस ने भारत को सबसे अधिक मात्रा में जरूरी मदद भेजी थी, जब भी सुरक्षा परिषद् में सदस्यता की बात आती है तब भी फ्रांस ने भारत का हमेशा समर्थन किया है और भारत सरकार के परमाणु प्रोग्राम हो या फिर धारा 370 हटाने जैसे निर्णय हो हर मौके पर फ्रांस भारत के साथ में रहा है.
ऐसे में कई वैश्विक राजनीति के एक्सपर्ट फ्रांस को भारत का नया रूस कह रहे है. आने वाले वक्त में जैसे जैसे भारत रूस पर अपनी निर्भरता कम करने की कोशिश करेगा वैसे ही फ्रांस के साथ में रिश्ते और अधिक गहरे होते हुए नजर आने वाले है ये हमें दिखाई दे भी रहा ही है.