भारतीय जनता पार्टी इन दिनों में काशी की ज्ञानवापी मस्जिद के मामले को लेकर के आगे बढ़ रही है और कही न कही ये मामला आगे बढ़ता चला जा रहा है. बात सिर्फ यहाँ पर मस्जिद या फिर मंदिर होने की ही नही है बल्कि इसके अलावा कई और नेता मंत्री आदि भी इसके लपेटे में आ रहे है और कई ऐसी सच्चाइयां आरोपों के रूप में बाहर आ रही है जिसकी कल्पना आम व्यक्ति कई मायनों में कर भी नही सकता कि जिसे हम वोट देते है वो आदमी ऐसा कुछ कर रहा होगा.
प्रेम शुक्ला का दावा, मुलायम सिंह ने रोकी थी गौरी श्रृंगार मंदिर में पूजा
अभी हाल ही में एक टीवी डिबेट चल रहा था जिसमे भारतीय जनता पार्टी के नेता और प्रवक्ता प्रेम शुक्ला भी मौजूद थे. उन्होंने अपनी पार्टी का पक्ष रखा और तत्कालीन यूपी के सर्वेसर्वा रहे मुलायम सिंह यादव के ऊपर काफी अधिक बड़े व गंभीर आरोप भी लगा दिए जिसके बारे में सुनकर के सपा के समर्थक उनसे ही उल्टा पलटकर सवाल करने लगे है.
प्रेम शुक्ला ने बताया कि वर्ष 1996 में मेने खुद महाराशिवरात्रि के अवसर पर श्रृंगार गौरी मंदिर में अभिषेक किया था जो ज्ञानवापी मस्जिद में स्थित है. वहां पर हर रोज पूजा आदि होती थी लेकिन उस समय की मुलायम सरकार ने वहां पर इसे साल 2004 में रूकवा दिया और इसके पीछे का कारण था समुदाय का तुष्टीकरण करना. प्रेम शुक्ला के आरोप अपने आप में काफी बड़े व गंभीर है.
पहले भी हो चुकी है अयोध्या मामले में सपा की किरकिरी
समाजवादी पार्टी और मुलायम सिंह यादव का राम मंदिर को लेकर के जो स्टैंड सरकार में रहते वक्त रहा था और पहले के समय था उसको लेकर और कारसेवको के साथ में जो भी हुआ उस मामले में भी उनकी काफी लम्बे समय से आलोचना होती रही है.
अब इन सबके बीच में अगर इस तरह का मामला और अधिक देखने में आता है और इतिहास के पन्ने खुलते है तो फिर कही न कही ये दिक्कत मुलायम सिंह के परिवार के लिए ही कर सकता है और उनका वोटर बेस कमजोर हो सकता है.