अभी पंजाब और दिल्ली दो राज्य जीतने के बाद में अरविन्द केजरीवाल व आम आदमी पार्टी के हौसले बहुत ही ज्यादा बुलंद नजर आते है. जिस तरह से उन्होंने अपने कार्यो को इन दोनों राज्यों में राजनीतिक रूप से अंजाम दिया है वो बड़ी बड़ी पार्टियों के लिए चिंता का विषय बन चुका है. अब तक केजरीवाल फ्री की राजनीति करते हुए नजर आते थे लेकिन अब उन्होंने क्षेत्रवाद को भी अपनी जीत के मकसद से हवा देनी शुरू कर दी है और ये काफी अधिक चकित भी कर देता है.
गुजरात में खड़े होकर महाराष्ट्र के नेता पर उठाये सवाल, बोले इन्हें यही मिला
अभी हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल गुजरात पहुंचे थे और वहां पर उन्होंने संबोधन के दौरान कुछ एक बाते कही है जो अपने आप में बहुत ही अधिक अजीब भी है. उन्होंने वहाँ पर मौजूद गुजरात के लोगो के सामने कहा कि मैंने बड़े टाइम से एक बात को लेकर के आहत हो रखा हूँ. आपको मालूम है कि गुजरात में भाजपा का प्रदेशाध्यक्ष आखिर कौन है? ये है सीआर पाटिल.
वो तो महाराष्ट्र से है. मुझे समझ नही आता कि क्या साढ़े छः करोड़ गुजरातियों में से इन्हें एक भी अध्यक्ष नही मिला? क्या अब महाराष्ट्र से गुजरात चलेगा? केजरीवाल ने इसे गुजरात की बहुत ही बड़ी बेज्जती बताते हुए इसे बर्दाश्त न करने के लिए कहा जो अपने आप में एक तरह से राजनीतिक चाल के तौर पर देखा जा सकता है और ये पूरी तरह से अनापेक्षित है.
गुजरात में संगठन विस्तार की कोशिश में आम आदमी पार्टी
अभी पिछले कुछ महीनो से लगातार केजरीवाल अपनी पार्टी का विस्तार गुजरात में करने की हर संभव कोशिश कर रहे है और इसमें उन्होंने हजारो की संख्या में लोग अपने साथ में जोड़े भी है लेकिन अभी भी ये वहां पर मौजूद भाजपा के सामने घुटनों के बल खड़े होने के लिए भी नाकाफी सा है.
ऐसे में इस तरह के क्षेत्रवादी बयानों को हवा देते हुए पार्टी नजर आ ही जाती है. अब इसके परिणाम उन्हें फायदे के रूप में मिलते है या फिर कोई नकारात्मक रिजल्ट देखने को आते है ये अपने आप में समय ही बता सकता है.