अभी वर्तमान में भारत अपने काफी अधिक बड़े फैसले और पालिसी ला रहा है जिसके कारण से देश में आप एक तरह से कह भी सकते है कि कई बड़े स्तर के बदलाव देखने को मिल रहे है. अभी की बात करे तो हम सब जानते है कि भारत अपनी आवश्यकता का अधिकतर तेल आयात करता है और ये तेल रूस, अमेरिका व खाड़ी देशो से आता है ये तो हम लोग देखते ही है, मगर जब सही मायनों में बात करे तो इन दिनों में भारत तेल से हटकर ईवी की तरफ जा रहा है और इसमें काफी कमाल की ग्रोथ नजर आ रही है.
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में उछाल, उम्मीदों से बेहतर आंकड़े
भारत कच्चे तेल पर अपनी निर्भरता कम करने के इरादे से लगातार ये कोशिश कर रहा है कि इलेक्ट्रिक वाहनों का इकोसिस्टम देश में विकसित किया जाए और पिछले कुछ वर्षो में ये कार्य तेजी के साथ में हो भी रहा है. अभी इस वर्ष 2021-22 का जो डाटा प्राप्त हुआ है उसके अनुसार भारत में कुल 4.29 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हुई है जो पिछले वर्ष के मुकाबले काफी अधिक है.
इससे पिछले वर्ष में ये महज 1.34 लाख ही थी जो एक वर्ष में तीन गुना तक बढ़ गयी है और आने वाले वक्त में ये आंकड़ा एक साल में 10 लाख को भी छू सकता है जो एक लिहाज से काफी अधिक सकारात्मक संकेत है और आने वाले दस वर्षो में भारत के इलेक्ट्रिक वाहनों पर शिफ्ट होने के रास्ते को साफ़ कर देता है.
तेल बेचने वाले देशो के लिए चिंता का विषय
अभी विश्व भर में कई देश इलेक्ट्रिक वाहनों पर शिफ्ट हो रहे है और ऐसे में वो निर्यातक मुल्क जो तेल बेचते है और उसी पर निर्भर है जिनमे मुख्य रूप से खाड़ी देश शामिल है उनके ऊपर काफी अधिक चिंता का बोझ आ गया है क्योंकि भारत आज विश्व में सबसे बड़े तेल आयातकों में से एक है और इस तरह से इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में वृद्धि भारत के लिए अच्छी लेकिन उनके लिए बुरी खबर है.
खैर इस पर विश्व के कई देश जो कार्बन एमिशन को कम करना चाहते है वो तो काफी हर्ष ही जाहिर करने वाले है क्योंकि इससे ग्लोबल वार्मिंग जैसे कई रिस्क से निपटने में सहायता मिल सकती है.