आज विश्व में हिन्दुस्तान एक बहुत ही बड़ी व सशक्त स्थिति में उभरकर के सामने आ रहा है और ये हम लोग भी देख ही सकते है. ऐसे में जो महाशक्तियां है वो कही न कही चाहती भी है कि भारत जैसा देश हमारी तरफ रहे और इस कारण से कभी कोई लुभावने ऑफर देता है तो कई बार दबाव बनाने की कोशिशे भी की जाती रही है. खैर ऐसे में भारत के सामने बहुत ही अधिक प्रेशर रहता है कि किसका साथ दिया जाए? इस पर विश्व को भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपनी तरफ से साफ़ जवाब दिया है.
भारत को अगर पक्ष चुनना पड़े, तो हम चुनेंगे शान्ति का पक्ष
अभी हाल ही में एस जयशंकर जो कि भारत के विदेश मंत्री है वो सदन में खड़े होकर के विश्व को और देश के लोगो को भारत की फॉरेन पालिसी के बारे में जानकारी देते हुए कहते है कि हमने अपनी बातो को कई अंतर्राष्ट्रीय मंचो पर स्पष्टता के साथ में रखा है और हम निष्पक्ष रहते है. ऐसे में अगर भारत ने कभी कोई पक्ष चुना भी है या फिर चुनना पड़े तो हम शान्ति का पक्ष चुनेंगे.
यानी विश्व का जो भी हिस्सा या देश शान्ति के पक्ष में होगा भारत वही पर खड़ा मिलेगा न कि कोई लोकलुभावन ऑफर या फिर किसी तरह के दबाव में आकर के कार्य करेगा. इससे पहले भारत सरकार ने बयान देते हुए यही कहा था कि हमारी विदेश नीति अपने नागरिको के हिसाब से तय की जाती है.
अमेरिका चाहता है, भारत रहे मित्र
रूस के साथ में तो भारत की मित्रता जगजाहिर है लेकिन सही मायनों में देखे तो इन दिनों में अमेरिका की रुचि भारत में अधिक है. अभी हाल ही में अमेरिका में लीडरो और अधिकारियों की चर्चाओं में ये बात रखी भी गयी कि भारत एक अच्छा मित्र देश है और हम इनकी निर्भरता बाकी जगहों से हटाकर के इधर करे इसके लिए क्या कुछ किया जा सकता है?
कुल मिलाकर पश्चिमी देशो में भारत को अपनी तरफ रखने को लेकर लगातार चर्चाएँ देखने को मिल रही है और जाहिर तौर पर इसके कई सारे सकारात्मक परिणाम भारत की विदेश नीति के रूप में देखे ही जा सकते है.