अभी भारत विश्व भर की के किसी भी मामले में एक तरह से न्यूट्रल पालिसी रखते हुए आया है और ये बात हम लोग भी बहुत ही अधिक अच्छे तरीके से जानते है. जिस तरह की स्थिति भारत ने बनाये रखी है चाहे वो किसी भी दो देशो का मामला ही क्यों न हो? ये अपने आप में लोगो के बीच में चर्चा विषय रहता है. मगर अभी की बात करे तो फिलहाल में लाखो किलोमीटर दूर चल रहे विवाद के कारण से भारत की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित होने के आसार नजर आ रहे है और ये अपने आप में चिंता का विषय भी बन रहा है.
रूस पर आर्थिक प्रतिबंधो से विश्व में महंगाई दर ने पकड़ी रफ़्तार, भारत पर पड़ रहा भारी
अभी रूस के ऊपर विश्व भर से अमेरिका और यूरोप के देश आर्थिक प्रतिबन्ध लगा रहे है और ये अपने आप में रूस को अलग थलग कर देने वाली स्थिति है. इसमें हम देख रहे है कि अमेरिका ने तो हाल ही में रूस के क्रूड आयल पर भी प्रतिबन्ध लगा दिया है और इस कारण से विश्व भर में क्रूड आयल के दाम आसमान छू रहे है. अनुमान तो ये लगाया जा रहा है कि ये आने वाले वक्त में दोगुना भी हो सकता है.
ऐसे में ये भी संभव है कि भारत में पेट्रोल डीजल के भाव 150 के आंकड़े को भी पार कर जाये क्योंकि विश्व में ही महंगाई ने अपना सर चढ़ा रखा है. आर्थिक एक्सपर्ट मानते है कि इससे भारत व चीन जैसे देशो में स्टेगनेशन की स्थिति पैदा हो सकती है. यानी दिन ब दिन चीजे महँगी होती चली जायेगी और लोगो की इनकम एक ही जगह पर अटक सकती है.
देश की जीडीपी होगा भारी असर
ये जो भी हालात बने हुए है अगर ये सुधरते नही है तो इससे सीधे तौर पर भारत की जीडीपी प्रभावित होने वाली है और माना जा रहा है कि इसका प्रभाव तो आने वाले समय में करोना का जो आर्थिक दुष्प्रभाव देखने को मिला था उससे भी ज्यादा बुरा होने वाला है. खैर अब जो कुछ भी होना है वो तो हमें आने वाले समय में देखने को मिल ही जायेगा और हमें उसके लिए तैयार रहने की जरूरत है.
हालांकि अगर अमेरिका वेनेजुएला और इरान पर लगे हुए आर्थिक प्रतिबंधो को हटा देता है और बाकी देशो को इनसे आयल इम्पोर्ट करने की छूट दे देता है तो फिर संभव है कि चीजे कुछ हद तक काबू में रहे.