आज अफगानिस्तान में तालिबान शासक की भूमिका में आ चुका है. चाहे विश्व की लगभग हर सरकार इनको मान्यता देने से पीछे हट चुकी है लेकिन फिर भी अभी इनका काबुल पर कण्ट्रोल है और ये लोग अपनी मनमर्जी की चला भी रहे है. इन सबके बीच में काफी कुछ है जो हो रहा है चल रहा है और हाल ही में एक ऐसा निर्णय देखने में आया है जो एक तरह से भारत को चिढाने के जैसा है और कही न कही इसका जवाब भी इनको जल्द ही मिल जाने वाला है.
तालिबान ने बनाई नयी सैन्य यूनिट, नाम रखा पानीपत
अभी हाल ही में तालिबान ने अफगानिस्तान में एक नयी सैन्य यूनिट का निर्माण किया है और इसका नाम रखा गया है ‘यूनिट पानीपत’. ये भारत के हरियाणा राज्य के पानीपत शहर के ऊपर रखा गया है और इसके पीछे का मकसद कही न कही एनालिस्ट्स के अनुसार केवल भारत को चिढाने के जैसा है क्योंकि इसके साथ में कुछ एक बहुत बुरी यादे जुडी हुई है जिसे तालिबानी हाईलाइट करने की कोशिश कर रहे है.
अफगानिस्तान से पानीपत का जुड़ा है बुरा इतिहास
तालिबान में एक शासक हुआ था जिसका नाम था अहमद शाह अब्दाली जिसने पानीपत की तीसरी लड़ाई लड़ी थी. ये अचानक से एक लाख की संख्या में सैनिक लेकर के भारत में आ गया था और काफी छोटी मराठा सेना होने के कारण से वो इसे रोक नही पाये व राजपूत शासक इनकी मदद करने के लिए आगे नही आये जिस कारण से अफगान जीत गये थे.
इस पानीपत की लड़ाई के बाद में उन्होंने भारत की महिलाओं और बच्चो को उठाया और अपने इस्तेमाल के लिए अपने मुल्क लेकर के चले गये जिनकी संख्या हजारो में थी. इसको याद करते हुए तालिबान ने अपनी यूनिट का नाम पानीपत रखा था और इसके जरिये भारत को उकसाने का एक नाकाम प्रयास भी किया है जो अपने आप में काफी अधिक अनैतिक भी है.
ये वो दौर है जब भारत अफगानिस्तान की काफी अधिक मदद कर रहा है वहां पर हमने कई बिल्डिंग बनाई है और तो और गेहू भी भारत ही दान कर रहा है, ऐसे वक्त में तालिबान की ये हरकत बताती है कि उन्हें इन चीजो से कोई मतलब नही है.