जब भी विश्व के सबसे बड़े और ताकतवर देशो की बात आती है तो फिर उसमे एक देश का नाम जरुर आता हिया और वो देश है रूस. एक समय में अमेरिका का सबसे बड़ा प्रतिद्वंदी कहा जाने वाला रूस आज एक बहुत ही बड़े संकट से गुजर रहा है जो इस देश को समाप्ति की कगार पर लेकर जा रहा है और ये अपने आप में उनके राष्ट्रपति पुतिन से लेकर उनके आर्थिक व राजनीतिक विशेषज्ञों को भी चिंता में डाल रहा है, क्योंकि मामला ही कुछ ऐसा हो गया है.
रूस में घट चुकी जनसँख्या नही संभाल पा रही देश, चाहिये और ज्यादा लोग
वर्तमान में हुई जनसँख्या में जो आंकड़ा है उसके अनुसार आज की तारीख में रूस में महज 14.6 करोड़ लोग ही है और अभी रूस में जनसँख्या बढ़ने की बजाय हर वर्ष कई मिलियन लोग कम हो रहे है क्योंकि एक कपल दो से कम यानी एक बच्चे को ही लगभग जन्म दे रहे है तो ये औसत डेढ़ के आस पास घूम रहा है. इस कारण से दिन ब दिन इस देश में जसंख्या घटती जा रही है. आज उत्तर प्रदेश की जनसँख्या भी रूस से कई ज्यादा है.
आज रूस विश्व का सबसे बड़ा जमीन का मालिक देश है और रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने खुद अपने बयान में कह दिया है ‘वर्तमान की साढ़े चौदह करोड़ की आबादी अब इस देश को संभालने के लिए काफी नही है, हमें और लोग चाहिए.’ रूस में औसत उम्र 40 के करीब पहुँच चुकी है यानी ये देश बूढा हो रहा है और जवान लोग कम हो रहे है जिससे आने व्वाले वक्त में मिलिट्री में भर्ती होने के लिए और आर्थिक कमान सम्भालने के लिए लोगो की भारी कमी होने वाली है.
खुदको बचाने के लिए पडोसी देश खुदमें मिला सकता है
अभी जियोपोलिटीकल अनालिस्ट्स मानते है कि पुतिन अपने देश की घटती जनसँख्या का मुद्दा सुलझाने के लिये पड़ोस के देशो को अपने में मिला सकते है. अब क्योंकि यूक्रेन, बेलारूस जैसे देश पहले यूएसएसआर का ही हिस्सा थे तो इनकी आपस में काफी अधिक सांस्कृतिक समानता भी है तो इनको अपने देश में मिलाने के ऊपर आशंका जताई जा रही है.
हालांकि रूस के पास में बाकी देशो के नागरिको को इमिग्रेशन के माध्यम से बुलाने के सुझाव भी पहुंचे है लेकिन आज मास्को के पास में दुसरे देश के नागरिको के पास में ऑफर करने के लिए अच्छी नौकरी, खूब सारा पैसा और बेह्त्र्ल इफे स्टाइल नही है इसलिए योग्य लोग अमेरिका और यूरोप की तरफ मूव कर रहे है और रूस अपनी जनसँख्या को बनाये रखने के लिए दुसरे तरीके खोज रहा है.