अभी उत्तर प्रदेश में चुनावी बिगुल बज चुका है और चीजे काफी हद तक बनते और बिगड़ते हुए ही नजर आ रही है. अगर हम लोग सही मायनों में देखते है तो ये सब कुछ कही न कही काफी अधिक अजीब सी स्थिति में ही दिखाई दे रहा है. कभी अगड़ो की तो कभी पिछडो की राजनीति चल रही है. ऐसे में सबसे अधिक जो कार्य किया जा रहा है वो किया जा रहा है योगी आदित्यनाथ को दलित विरोधी बताने का ताकि उनकी छवि को हिन्दू जोड़ने वाली न बने रहने दिया जाए.
योगी आदित्यनाथ पहुंचे दलित के घर, खायी खिचड़ी
आज मकर सक्रांति के अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दलित जाति के व्यक्ति अमृत लाल भारती के घर पर दलित बस्ती में पहुंचे. वहां पर जाकर के उन्होंने खिचड़ी खाई और परिवार के लोगो के साथ में बातचीत की, इसके बाद में वो फिर से अपने कार्य पर लौट गये. इस भोजन के दौरान उन्होंने हिन्दू एकता का सन्देश दिया और ये एक तरह की परम्परा है जो गोरक्षपीठ में काफी लम्बे समय से चली आ रही है.
योगी आदित्यनाथ को लम्बे समय से दलित विरोधी बताने पर चल रहा काम
अभी हाल ही के विपक्षी नेताओं के बयान देखे तो योगी आदित्य नाथ को केवल अगडी जाती के नेता के तौर पर बताया जा रहा है. स्वामी प्रसाद मौर्य और दारा सिंह चौहान ने भी पार्टी को छोड़ने से पहले योगी आदित्यनाथ को दलित विरोधी बता दिया था.
ऐसे में सीएम योगी का दलित व्यक्ति के घर जाना उनसे मिलना और वहां पर भोजन करना अपने आप में एक सांकेतिक मास्टरस्ट्रोक के रूप में देखा जा रहा है कि वो दलितों से अभी भी दूर नही हुए है बल्कि आज भी वो हिन्दू धर्म से जुड़े हुए सभी लोगो को पहले की ही तरह साथ में लेकर के चलने में यकीन करते है और ये अपने आप में एक बड़ी बात है जो सीएम योगी ने किया है.
अब इस तरह की खबरे जो यूपी के कोने कोने में पहुँच चुकी है तो इस पर अखिलेश और मायावती किस तरह से जवाब देते है ये अपने आप में देखने वाली बात होगी.