उत्तर प्रदेश में चुनाव सर पर आ खड़े है और इनके आने के चलते हुए अब कई लोग है जो अपनी अपनी सहूलियत के हिसाब से दल आदि बदलते हुए भी नजर आ रहे है. कही न कही ये बात हम लोग देख भी रहे है और समझ भी रहे है. जिस तरह से हाल ही में कई बड़े बड़े नेता अपने दल छोड़कर दूसरो में जा रहे है वो नजारा यूपी में अब आम हो चला है. आपको तो मालूम ही होगा कि किस तरह से स्वामी प्रसाद मौर्य ने हाल ही में पार्टी छोड़ दी थी.
अब दारा सिंह चौहान ने छोड़ी पार्टी, अखिलेश यादव से जाकर मिले
योगी सरकार में केबिनेट मंत्री और मधुबनी से विधायक दारा सिंह चौहान ने अभी हाल ही में स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद में पार्टी छोड़ दी है. उन्होंने केबिनेट और पार्टी से इस्तीफा देने के बाद में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाक़ात की और संकेत दे दिए कि आने वाले यूपी के चुनावों में वो सपा के साथ में मिलकर के अपनी ही पुरानी पार्टी यानी भाजपा के सामने चुनौती पेश करने वाले है.
लगाया पिछडो और दलितों की अनदेखी करने का आरोप
दारा सिंह चौहान ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपने के साथ में योगी सरकार और पार्टी के ऊपर आरोप लगाया कि उनकी सरकार में दलितों की पिछडो की और युवा लोगो की अनदेखी की जा रही है जिस कारण से उन्होंने इस्तीफा देने का निर्णय किया है. इसी के साथ में उन्होंने अपने भविष्य के प्लान स्पष्ट कर दिए है.
अखिलेश यादव ने खुद अपने ट्विटर अकाउंट से दारा सिंह चौहान के साथ में एक तस्वीर पोस्ट करते हुए कहा है कि हम उनका अभिनन्दन करते है, इसी के साथ में उन्होंने योगी सरकार के ऊपर तंज कसते हुए दारा सिंह को एक तरह से अपनी पार्टी का हिस्सा बना लिया है. हालांकि भविष्य के लिए एसपी ने उनके हेतु क्या प्लान बना रखे है इसको लेकर कोई स्पष्टता फ़िलहाल तो नही है.
हाँ भाजपा और उनके समर्थको का अभी के लिए यही कहना है कि जिनको अगली बार टिकट न मिलने का डर है वो लोग ही अपने लिए दूसरी संभावनाएं तलाशने में लग गये है और कही न कही इसके परिणाम क्या निकलने वाले है ये तो आने वाला वक्त ही बता पायेगा.