प्रधानमंत्री मोदी की एसपीजी सुरक्षा अपने आप में काफी अधिक समार्थ्यवान और शक्तिशाली मानी जाती है. एक तरह से आप इसे देश की सबसे अधिक एलीट फ़ोर्स कह सकते है और कही न कही इससे अधिक पॉवर भी किसी और दस्ते के पास में आपने शायद ही देखी होगी. पंजाब में हाल ही में जो भी घटनाक्रम प्रधानमंत्री मोदी के साथ में हुआ है उसके बाद में एसपीजी लगातार चर्चा में बनी हुई है. चलिए इसके बारे में सब कुछ जानते है और काफी कुछ बाते बताते है.
देश की फ़ोर्स में से सबसे बेस्ट जवानो को चुना जाता है, पर्सनल कॉम्बैट में भी होते है चैंपियन
जिन एसपीजी के जवानो की बात हम कर रहे है उन्हें बीएसएफ, इंडियन आर्मी और आईटीबीपी आदि फोर्सेज में एक अच्छी सर्विस के बाद में सेलेक्ट किया जाता है. ये सबसे अधिक समर्पित सैनिक कमांडो होते है जिनके पास में हर तरह का वेपन इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग तो होती ही है साथ में ये पर्सनल कॉम्बैट में भी काफी अधिक तेज तर्रार टाइप माने जाते है.
एक बार के लिए माना जाता है कि ये 30 घंटे तक बिना सोये हुए खाए हुए भी पीएम की सुरक्षा में लगे रह सकते है और तो और एक साथ में दस लोगो से निपट लेने की काबिलियत भी इन लोगो को दी जाती है. ये जवान किसी भी खराब परिस्थिति से पीएम को बचाकर के निकालने में काफी हद तक समर्थ माने जाते है. ये पीएम की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते है.
अब एसपीजी एक्ट के बारे में जान लीजिये
जब बात आती है प्रधानमंत्री की सुरक्षा की तो यहाँ पर स्पेशल एक्ट भी बन चुका है जो कांग्रेस पार्टी ने सन 1988 में पास करवाया था. इस एक्ट के तहत एसपीजी को पीएम की सुरक्षा के लिए जो भी मदद राज्य की पुलिस से चाहिए वो उन्हें करनी ही पड़ेगी. अगर इसमें कोई भी कमी होती है या फिर अनुशासन तोड़ा जाता है तो गृह मंत्रालय बिना राज्य सरकार से पूछे दोषी अधिकारियों को दिल्ली तलब कर सकता है और अनुशासनात्मक कार्यवाही कर सकता है.
अब हो सकता है कि पंजाब में जो कुछ भी घटित हुआ है उसके बाद में मोदी सरकार इस एक्ट का उपयोग करे क्योंकि फ़िलहाल के लिए पंजाब सरकार उतनी अधिक सीरियस तरीके से नजर आ नही रही है जितनी कि वो हो भी सकती है.