अभी देश में एक बार फिर से करोना की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है और कही न कही इसके कारण से लोग थोड़े चिंताजनक स्थिति में पहुँच गये है. अभी माना जा रहा है कि लॉकडाउन लग सकता है, चीजे काफी अधिक मजबूरी से भरी हुई भी हो सकती है और काफी कुछ है जो हाथ से बाहर निकल सकता है, लेकिन काफी विज्ञान एक्सपर्ट मानते है कि इस बार की जो करोना की लहर है वो चिंता का कारण नही बनने वाली है बल्कि एक तरह से ये अंतिम लहर भी हो सकती है.
7 दिन में ठीक हो रहे 99 फीसदी नए वेरिएंट के मरीज, अस्पताल में भर्ती होने की आवृति भी बहुत कम
अभी जो नया ओमीक्रोन वेरिएंट है या फिर अभी जो अन्य मरीज भी आ रहे है वो महज 7 दिन के भीतर ही अपने आप से स्टैण्डर्ड प्रोटोकोल फॉलो करने पर घर पर ही ठीक हो जा रहे है. महज 1 प्रतिशत मरीज ही ऐसे है जिनको अस्पताल में भर्ती करवाने की जरूरत पड़ रही है जबकि पहले ये पांच प्रतिशत तक भी पहुँच गया था.
एम्स में काम कर रहे एक सीनियर एक्सपर्ट ने कहा है कि जब वायरस म्यूटेट करता है तो वो साथ ही साथ में कमजोर भी होता चला जाता है, ऐसे में ये वायरस हमारे अन्दर हो सकता है नेचुरल इम्यूनिटी पैदा कर दे और इसके जो लक्ष्ण है वो काफी अधिक मंद होते है तो ये आपके शरीर पर काफी अधिक असर भी न डाले. एक तरह से ये अच्छी चीज है.
वरदान साबित हो सकता है नया वेरिएंट
अभी एक्सपर्ट्स के हिसाब से माने तो ये लहर अपने आप में एक अंतिम बड़ी लहर हो सकता है लेकर के आये लेकिन इसके बाद में हम नेचुरल इम्यूनिटी काफी हद तक विकसित कर सकेंगे. खैर आखिर में इसके बाद में परिणाम जो भी निकलकर के आते है वो तो आने वाला वक्त ही बता सकेगा.
अभी के लिए सबसे बड़ा और प्लस पॉइंट ये है कि भारत में आधी से अधिक आबादी को टीका लग चुका है जिस कारन से अस्पताल में भर्ती होने की दर बिलकुल ही न के बराबर है और इस कारण से सरकार को अपने रिसोर्स अधिक लगाने नही पड़ेंगे और हो सकता है बड़ा नुकसान किया बिना ही तीसरी लहर निकल भी जाये.