प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा से ही अपने बहुत ही सटीक वाक्यों और बोली के लिए जाने जाते है. जिस तरह से वो कार्यो को अंजाम देते है और कही न कही चीजो को इतिहास से उठाकर के वर्तमान में जोड़ भी देते है वो अपने आप में देखने लायक ही होता है. अगर हम लोग अभी की बात करते है तो फिर अभी हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी जी काशी विश्वनाथ मंदिर के पहले फेज के उद्घाटन के लिए पहुंचे थे और वहाँ पर उन्होंने कई बाते भी कही जो कुछ लोगो को पसंद भी आयी तो कुछ नाराज भी हुए.
यहाँ जब औरंगजेब आया, तब शिवाजी का भी उदय हुआ
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन के दौरान लोगो से कहा कि आक्रमण करने वाले लोगो ने इस शहर को नष्ट किया. इतिहास इस चीज का गवाह है और उन्होंने तो हमारी संस्कृति को भी समाप्त करने की हर संभव कोशिश की. मगर इस देश की मिटटी की बात ही अलग है. यहाँ जब जब औरंगजेब आया है तब तब यहाँ पर उसे रोकने के लिए शिवाजी का भी उदय हुआ है.
जैसे जैसे सलार मसूद आगे बढ़ा था वैसे वैसे सुलहदेव जैसे राजाओं ने भी उसे अपनी ताकत और एकता का एहसास करवा दिया. हमारा ये काशी विश्वनाथ का मंदिर को महज एक इमारत भर ही नही है बल्कि हमारी संस्कृति की पहचान है हमारी धरोहर है और ये हमारी परम्परा का एक प्रतीक है.
पहले की तुलना में काफी भव्य बन चुका है अब मंदिर
एक समय था जब तक भगवान् काशी विश्वनाथ जी का मंदिर बहुत अच्छी स्थिति में नही था. जाने के लिए बड़ी दिक्कते और तंग गलियाँ थी, मंदिर परिसर भी बेडौल सा और छोटा था. मगर अब सब कुछ एकदम शानदार कर दिया गया है और अभी तो सिर्फ और सिर्फ एक फेज पूरा किया गया है.
आगे के बाकी के बचे हुए काम को जैसे जैसे पूरा किया जाएगा वैसे वैसे चीजे काफी अधिक बेहतर हो जायेगी और ये बात तो हम लोग भी जानते है. खैर जो भी है अभी के हिसाब से तो चीजे मोदी जी के पक्ष में ही दिखाई दे रही है.