एक अकेला इंसान कुछ कर नही सकता है लेकिन अगर सब लोग एक हो जाये तो फिर चीजे अपने आप में बहुत ही सरल हो जाती है और उनका प्रभाव भी नजर आने लगता है. कही न कही ये बात तो हर कोई जानता है कि भारत की जनता की ताकत भी इसी कारण से है और यही ताकत का एहसास इन दिनों में जिनपिंग की सरकार को भी होते हुए नजर आ रहा है. अगर अभी की बात करे तो ये बड़ा मौक़ा दीवाली के अवसर पर देखने को मिला.
सरकारी अखबार के माध्यम से मोदी सरकार से कह रहा चीन, चीन विरोधी पालिसी छोडो और आरसीईपी ज्वाइन कर लो
अभी हाल ही में चीन के सरकारी अखबारो में एक खबर प्रकाशित की गयी है जिसमे ये कहा गया है कि मोदी सरकार को चीन विरोधी नीतियों से कोई ख़ास फायदा नही हो रहा है इसलिए अब उन्हें भूल जाना चाहिए और चीन के साथ में फ्री ट्रेड अग्रीमेंट भी करना चाहिए ताकि दोनों देश आगे बढ़ सके. एक तरह से वहां की सरकार भारत सरकार से चीन से दोस्ती बढाने के लिए हाथ फैलाते हुए ही नजर आ रही है.
दिवाली पर हुए नुकसान का असर, 50 हजार करोड़ की है तकलीफ
अभी हाल ही में भारत में जो दिवाली मनी है उसमे चीन को बड़ा नुकसान हुआ है. अनुमानित तौर पर इस बार चीन को कुल 50 हजार करोड़ रूपये का नुकसान हुआ है और अभी तो फेस्टिवल सीजन जनवरी तक चलने वाला है तो ये 80 हजार करोड़ तक जा सकता है क्योंकि उसके सामान भारत में पहले की तरह बिक नही पा रहे है.
ये अभी चल रहे मेक इन इंडिया केम्पेन का प्रभाव नजर आता है जिसके कारण से पहली बार भारत ने इस हद तक जाकर के आत्मनिर्भर दिवाली मनाई है और धीरे धीरे करके चीनी समान को अपने दिवाली की सजावट आदि से बाहर कर दिया है जो अपने आप में एक उभरते हुए भारत का चिन्ह है.
फ़िलहाल भारत दुनिया का सबसे बड़ा कंज्यूमर मार्किट बनने की तरफ उभर रहा है और चीन इन दिनों में अपने इस बाजार को लगातार खोने को लेकर के काफी अधिक हताश नजर आ रहा है.