अभी पंजाब की बात अगर हम लोग करते है तो यहाँ पर आये दिन कुछ न कुछ ऐसा होते चला जा रहा है जो लोगो के द्वारा उम्मीदों से परे है. आप भी इस बात को नजरअंदाज कर नही सकते है और ये बात आप जानते भी होंगे. कही न कही हमने इसे हर जगह पर राजनीति में होते हुए देखा है. अभी आपको ये तो मालूम ही होगा कि कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री पद से कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने इस्तीफ़ा दिया था और उनके कुछ ही दिन बाद में पीसीसी के अध्यक्ष पद से सिद्धू ने भी इस्तीफा दे दिया.
चन्नी बोले, सिद्धू आये और बात करे हल निकाला जाएगा
अभी हाल ही में पंजाब में मुख्यमंत्री बने चन्नी ने सिद्धू के इस्तीफे पर अपनी तरफ से प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पार्टी प्रधान परिवार का मुखिया होता है. मुखिया को तो परिवार में अपनी बात को मजबूती से रखकर के परिवार के लोगो को आगे बढ़ाना होता है. अगर उनको कोई भी ऐतराज है तो आये और बात करे. उनकी ही सरकार है जो सब काम कर रही है.
आगे उन्होंने कहा कि पार्टी सुप्रीम होती है और हमारी सरकार पार्टी की की विचारधारा को न सिर्फ मानती है बल्कि उसके अनुसार काम भी कर रही है. जिन भी मामलो पर उनको आपत्ति है उसको लेकर के बात करे हम उनको सुलझाएंगे और साथ में बैठकर के सोल्व करेंगे. आगे उन्होंने कहा कि किसी अफसर की तैनाती को लेकर के उनका कोई ईगो नही है लेकिन गलत आदमी को पोस्टिंग नही देंगे, जब तक मैं सीएम हूँ गलत नही होने दूंगा.
सूत्र बताते है, सीएम पद की आस में थे सिद्धू
अभी कई सूत्र ये भी दावा करते है कि अमरिंदर सिंह के हटने के बाद में नवजोत सिंह सिद्धू मुख्यमंत्री पद या फिर ऐसी ही कोई पॉवरफुल पोजीशन की उम्मीद में थे लेकिन ऐसा कुछ भी उनको मिल नही पाया और अब तो वो अध्यक्ष पद भी खो चुके है.
ऐसे में सिद्धू का राजनीतिक करियर किस दिशा में जाने वाला है ये तो शायद वो खुद नही जानते है क्योंकि इसमें अब बाहरी कारको का प्रभाव भी काफी अधिक बढ़ चुका है.