अभी के कुछ समयकाल को अगर हम लोग देखते है तो भारत ने कई अपने बड़े बड़े महानतम लोगो को खोया है चाहे वो फिल्म जगत से हो, राजनीतिक क्षेत्र से हो या फिर कही और से ही क्यों न हो? फिर उनका यूँ अचानक से चले जाना तकलीफ भी देता है और इस बात में कोई भी संशय नही है. खैर जो भी है अगर हम लोग बात करते है अभी की तो इन दिनों में एक संत महात्मा को और हमने खो दिया है और ये अपने आप में काफी अधिक दुःख से भरा हुआ पल है.
अखाड़ा परिषद् के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का हुआ निधन, हर सरकार में चलता था उनका रसूख
उत्तर प्रदेश के धर्म से लेकर राजनीति तक में अपनी के विशेष छाप और पहचान रखने वाले महंत नरेंद्र गिरि जी का अभी हाल ही में निधन हो गया है और ये अपने आप में बहुत ही अधिक दुःख से भरा हुआ पल था. ये देहांत कोई प्राकृतिक रूप से नही हुआ है बल्कि उन्होंने खुद ही स्वयं की जान ली है और पीछे एक नोट भी वो छोड़कर के गये है.
नोट में लिया अपने शिष्य आनंद गिरी का नाम, हिरासत में लिया गया
महंत नरेंद्र गिरी ने अपने नोट में लिखा है कि उनका एक शिष्य आनंद गिरी उन्हें किसी मामले को लेकर के बहुत ही अधिक लम्बे समय से परेशान कर रहा था और अब उनके लिए ये पूर्ण रूप से असहनीय हो गया था जिसके कारण से उनको इस तरह का कदम उठाना पड़ा.
पीएम मोदी से लेकर योगी तक सभी ने जताया शोक
प्रधानमंत्री मोदी से लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ तक जब सभी लोगो को इस बारे में पता चला कि इस तरह की घटना घटित हो गयी है तो सब शॉक में थे क्योंकि इन महंत जी के पास में तो सब भाजपा के बड़े बड़े नेता अक्सर जाते रहते थे, अभी इसी हफ्ते उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशवप्रसाद मौर्य उनके पास में ही थे. हर तरफ से उनको श्रद्धांजली अर्पित की गयी.
महंत नरेंद्र गिरी जी का नाम संत समाज में काफी अधिक सम्मान से लिया जाता है. राम मंदिर के आन्दोलन और मंदिर के निर्माण में भी उनकी भूमिका को काफी अधिक अहम् माना जाता है. उनके शिष्य भी लाखो की संख्या में मौजूद है.