आपको पता ही होगा ज्योतिरादित्य सिंधिया आज की तारीख में मोदी सरकार का हिस्सा है और उनके सर पर काफी कामो का बोझ है क्योंकि उनके पास में देश का उड्डयन मंत्रालय है. देश की हवाई सरहदों में क्या काम कैसे होगा ये भी उनके द्वारा निर्धारित होगा. पहले ये सिर्फ हवाई जहाजो तक ही सीमित था लेकिन अब इसका काम दुगुना हो चुका है क्योंकि ड्रोन भी अब इनके दायरे में आ चुके है और इस कारण से इसके रेगुलेशन और इसके उपयोग को बढाने में सिंधिया लगे हुए है,
नये ड्रोन नियमो से इंडस्ट्री में उछाल, 2030 तक भारत बनेगा दुनिया का ड्रोन हब
अभी आपको मालूम ही होगा कि देश में ड्रोन के अलग अलग सिस्टम आ रहे है और इसके लिए नए ड्रोन नियम भी लागू कर दिए गये है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने नये ड्रोन नियमो को इतना अधिक आसान कर दिया है कि छोटी मोटी वेरिफिकेशन और सिंगल एंट्री विंडो सिस्टम के माध्यम से कोई भी ड्रोन उड़ा सकता है और उससे अपनी सर्विसेज दे सकता है.
भारत में कई बिलियन डॉलर की हो सकती है ये इंडस्ट्री, डिलीवरी के सिस्टम को बदलकर रख देगी
भारत में इन नए नियमो के आने के बाद में कई स्टार्ट अप जो गाँव देहातो तक अपनी डिलीवरी को तेजी से पहुंचाना चाहते है और इसकी ट्रांसपोर्ट कॉस्ट को घटाना चाहते है वो इस पर काम कर सकते है और उनको इससे काफी बड़ा और बेहतरीन फायदा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.
गाँव गाँव तक मेडिकल सुविधाएं पहुंचाना होगा आसान
आज के वक्त में शहरो में तो मेडिकल सुविधाएं काफी आसानी से उपलब्ध है लेकिन गाँवों में ये सही से उपलब्ध नही है और इस कारण से अब यहाँ पर ड्रोन का रोल महत्त्वपूर्ण हो सकता है. ये गाँवों तक टीको से लेकर दवाई तक काफी तीव्र सप्लाई दे सकती है और इसके अलावा खेती में भी ड्रोन का उपयोग काफी अधिक ख़ास माना गया है.
रिपोर्ट्स कहती है आने वाले पांच वर्षो में देश में लाखो की संख्या में रजिस्टर्ड ड्रोन होंगे जो देश के सिस्टम को अति तीव्र बना रहे होंगे क्योंकि कोई भी डिलीवरी सड़क पर चलकर पहुँचने की बजाय हवा में उड़ते हुए होगी तो जाहिर तौर पर वो फास्ट तो होगी. ऐसे में इसका पूरा क्रेडिट ज्योतिरादित्य सिंधिया को जाता है.