अफगानिस्तान आज की डेट में पूर्ण रूप से तालिबान के कण्ट्रोल में है और हम ये बहुत ही अच्छे देख पा रहे है कि इस देश में क्या कुछ हो रहा है? जिस तरह से चीजे कही न कही बदली है उसके बाद में पूरे अफगान और वहाँ के लोगो की हालत काफी अधिक खराब हो चुकी है ये तो हम लोगो ने देखा ही है.बात सिर्फ यही पर ही नही रूकती है अब तो एक तरह से तालिबान अपने देश का सौदा सा करने पर उतारू होते हुए नजर आ रहा है.
चीन के पैसे पे चलेगा अफगानिस्तान, ताम्बे की खदाने भी उसी के पास जायेगी
अभी हाल ही में तालिबान ने जो बयान दिए है जो अफगानिस्तान के लोगो के बीच में चिंता पैदा कर रहे है. तालिबान ने कहा है कि चीन हमें नये फंड्स देगा जिससे नया अफगानिस्तान बनाया जायेगा. इस समय में हमारा सबसे अहम सहयोगी और मित्र चीन ही है. तालिबान ने साथ ही साथ में अफगानिस्तान में मौजूद ताम्बे की खदानों का जिक्र करते हुए कहा कि इनको मॉडर्न बनाने के लिए भी जिम्मा चीन को दे दिया है यानी एक तरह से चीन पूरी तरह से अफगानिस्तान में संसाधनों पर कब्जा जमाने वाला है.
एयरबेस पर भी चल रही बात बात
सिर्फ यही पर ही नही रूकती है अमेरिका से आ रही रिपोर्ट के अनुसार चीन अफगानिस्तान में बने हुए बगराम एयरबेस पर भी पैसे के बदले में कब्जा ले सकता है और अगर ऐसा होता है तो फिर ये भारत के लिए भी कुछ हद तक चिंता वाली बात हो सकती है. जरूरी है कि इस पर कुछ निर्णय तो जल्दी ही लिया जाएगा.
सही मायनों में देखे तो अब अफगानिस्तान को अप्रत्यक्ष रूप से चीन को ही सौपा जा रहा है. देश चलाने के लिए पैसा चीन से आ रहा है, वहां के संसाधन चीन चलाएगा और तो और एयरबेस पर चीन की सेना भी आ जायेगी तो फिर अफगानिस्तान का खुद का बच ही क्या जाता है? एक तरह से ये उसकी कॉलोनी की तरह से ही बन जायेगा.
इस मामले में कोई भी देश अभी के लिए दखल नही दे रहा है क्योंकि लोगो का मानना है कि तालिबान के हाथ में अफगानिस्तान रहने से बेहतर है चीन ही उस पर आधिपत्य जमा ले. खैर ये एक बड़ी कर्ज में फंसाने वाली नीति है जो अफगानिस्तान को निचोड़ने जा रही है.