उत्तर प्रदेश में जब से योगी सरकार आयी है तब से लॉ एंड आर्डर से लेकर हर चीज को लेकर के सख्ती काफी अधिक होते हुए नजर आने लग गयी है और कही न कही हर किसी के ऊपर जो भी गलत तरीके से चलता है उस पर गाज गिरते हुए हमको नजर आ ही जाती है और अभी हाल ही में ऐसा ही कुछ यूपी में चलने वाले हजारो की संख्या में मदरसों के साथ में हुआ है. हालांकि पिछली सरकारों में ऐसा कुछ करने के हिम्मत थी नही लेकिन योगी सरकार थोड़ी सी अलग है.
यूपी में चल रहे 5 हजार मदरसे बंद करवाए गये
अभी की जानकारी के अनुसार अल्पसंख्यक आयोग की तरफ से कुछ एक सख्त निर्णय लिये गये है जिसके तहत प्रदेश में चलने वाले लगभग 5 हजार मदरसों को बंद कर दिया गया है जिसमे से अधिकतर मेरठ और उसके आस पास में स्थित है. आयोग ने प्रेस वार्ता करके ये जानकारी दी है कि ये सरे मदरसे मानको के विपरीत चल रहे थे या फिर गलत चल रहे थे जिसके कारण से इनको बंद करना पड़ा.
सरकार को 100 करोड की वार्षिक बचत
यहाँ पर पाया गया है कि कई जगहों पर फर्जीवाडा और धोखाधड़ी भी काफी जोर शोर के साथ में चल रही थी जिस सम्बन्ध में अब तक 10 लोगो पर कानूनी कार्यवाही भी शुरू की जा चुकी है और इसके अलावा सरकार के 100 करोड़ रूपये हर साल बचने जा रहे है वो तो अपने आप में एक अलग ही फायदा है जो कही सही जगह पर लग सकेगा.
मदरसो के अलावा और भी गुरुकुल चलाने पर जोर
यूपी के अल्पसंख्यक आयोग ने कहा है कि मदरसों के अलावा जैन समाज के गुरुकुल और सिख समुदाय के भी शिक्षण संस्थान स्थापित है जिनको मदद दी जाने की जरूरत है. वो इस सम्बन्ध में कार्य कर रहे है, यानी अब अल्पसंख्यक का अर्थ सिर्फ मुस्लिम और मदरसे तक ही सीमित नही रहने वाला है.
वही दूसरी तरफ ये जो पांच हजार मदरसों पर जो क्रैक डाउन हुआ है उसके कारण से लोग उनकी काफी अधिक तारीफ़ कर रहे है. इससे यूपी का प्रशासन काफी बेहतर होने की उम्मीद जताई जा रही है.