अभी अफगानिस्तान पूरी तरह से एक अस्थिर क्षेत्र बन चुका है और कल की तारीख में यहाँ पर क्या स्थिति बनते हुए नजर आएगी ये हम लोग कह नही सकते है. कही न कही जो भी हालात बनते हुए नजर आ रहे है वो अपने आप में थोड़े से अजीब है और हर कोई इसको लेकर के कशमकश में भी है क्योंकि किसी ने भी कुछ समय पहले तक कम से कम ये उम्मीद तो नही ही की थी कि ये इतनी जल्दी से पूरे देश को टेकओवर कर लेगा. खैर अब जो भी है अभी के स्थिति के हिसाब से बात करे तो तालिबान ने अपना स्टैंड क्लियर कर दिया है.
पाक और हममें कई समानताएं, हमारा दूसरा घर
अभी हाल ही में तालिबान के प्रवक्ता ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ में तालिबान अपनी काफी लम्बी सीमा साझा करता है. जब भी बात मजहब की आती है तो फिर हम दोनों ही एक जैसे है और हमारे दोनों ही लोग परम्परागत रूप से एक दुसरे से मिलते भी रहे है. हम पाकिस्तान के साथ में बेहतर संबंधो की उम्मीद कर रहे है बल्कि ये तो हमारे लिए दुसरे घर के जैसा है.
भारत के खिलाफ खुलकर बोलने की हिम्मत नही, कहा हम अच्छे सम्बन्ध चाहते है
जब तालिबान से भारत को लकर के सवाल किया गया तो उनकी खुलकर के कुछ भी बोलने की हिम्मत नही हुई है. उन्होंने कहा कि हम तो सब के साथ में अपने अच्छे सम्बन्ध चाहते है. भारत भी अफगान लोगो के हिसाब से अपने नीतियां तय करे. हम आश्वस्त करना चाहते है कि हमारी जमीन का इस्तेमाल आतक के लिए नही होने देंगे.
हालांकि ये तो हर कोई बहुत ही अच्छे से जानता है कि तालिबान के वादे उतने ही खोखले होते है जितनी खोखली उनकी हर बात आज तक साबित होती हुई आयी है तो ऐसे में इतना तो साफ़ है कि इनकी बातो पर भारत कभी भी आराम से भरोसा कर नही पायेगा.
हालाँकि मोदी सरकार अभी के लिए तो वेट एंड वाच की स्थिति में है कि आगे चलकर के हम लोग देखते है क्या कुछ फैसले आते है और किस तरह के निर्णय देख पाते है. अभी के लिए काफी कुछ है जो समय के साथ में हम लोग बदलते हुए देख रहे है.