अभी के इन दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति काफी अधिक अलग तरीके से बर्ताव कर रही है क्योंकि किस पल यहाँ पर क्या देखने को मिल जाए कुछ भी कहा नही जा सकता है. अभी के लिये मीडिया रिपोर्ट्स कहती है कि उद्धव ठाकरे की सरकार से कुछ ऐसी ही चीजे हो गयी है जो शायद उनके लिए ऐसी गलती साबित हो सकती है जो कदापि उनके मराठी वोटर बेस को भी उनसे दूर खिसकाने में भाजपा के लिए सहयोगी साबित हो सकती है.
नारायण राणे को गिरफ्तार कर बड़े मराठी वोटर समूह पर चोट, भाजपा करेगी मौके का भरपूर उपयोग
आपको मालूम ही होगा कि अभी हाल ही में केबिनेट मिनिस्टर नारायण राणे जो केंद्र में मराठी अस्मिता के प्रतीक के रूप में देखे जाते है उनको कुछ बयानबाजी के चलते हुए महाराष्ट्र में अरेस्ट कर लिया गया था और इसको लेकर के वो और उनके बेटे नितीश राणे दोनों ही काफी अधिक नाराज हुए है और उनके खिलाफ मोर्चा खोल करके बैठ गये है कि इस तरह से बड़े मराठी नेताओं को अरेस्ट करके मराठी अस्मिता पर चोट की जा रही है.
भाजपा ने भी मुद्दे को जन आशीर्वाद यात्रा के माध्यम से भुनाया
भाजपा ने भी इस पूरे मामले को जन आशीर्वाद यात्रा के मामले में खूब ज्यादा भुनाया है. इसे मराठी सम्मान और नारायण राणे के मराठावाद से जोड़कर के दिखाया जा रहा है कि कैसे आज के समय में मराठी नेता भी प्रदेश में अरेस्ट हो रहे है और कही न कही इसका काफी बड़ा प्रभाव आने वाले चुनावों में देखा जा सकेगा.
माना जा रहा है कि अगर ऐसी स्थिति बनती है तो हो सकता है भाजपा नारायण राणे को फिर से महाराष्ट्र की सक्रीय राजनीति में भी भेज दे ताकि जो भाजपा में एक मराठी वोटर बेस को संग्रहित करने के लिए वेक्यूम उत्पन्न हुआ है उसे एक बड़े चेहरे के साथ में भरा जा सके.
वही उद्धव सरकार इसे एक तरह की कानूनी प्रक्रिया मानकर के चल रही है लेकिन एक सच तो ये भी है कि राजनीति में रहकर के आप किसी भी कीमत पर राजनीति से तो बच ही नही सकते है.