अभी के लिए पूरे अफगानिस्तान में तालिबान का कब्ज़ा हो चुका है और ऐसे समय में साफ तौर पर नजर आ रहा है कि हर अल्पसंख्यक समुदाय के लोग चाहे वो सिख हो या फिर हिन्दू हो सभी धर्म वाले लोग टेंशन में है कि उनके साथ में पता नही क्या होगा? अब हाल ही में तालिबान ने एक बड़ी चाल चलने की कोशिश की है ताकि वो दुनिया के सामने एक सफ़ेद चोगा पहनकर के खुदको पाक साफ़ और बेहतरीन साबित कर सके. इस कड़ी में एक और बड़ा कदम उठाने की कोशिश की गयी है.
काबुल की गुरुद्वारा कमिटी से मीटिंग के बाद बोले, हिन्दू और सिखों को हमसे कोई खतरा नही
अभी हाल ही में तालिबान के आतकी काबुल स्थित गुरुद्वारा कमिटी के पास में पहुंचे थे. इन लोगो ने मीटिंग में इन लोगो को ये आश्वासन दिया कि हम लोगो से आपको इस बार डरने की जरूरत नही है, हमारी तरफ से इस बार हिन्दुओ को और सिखों को कोई भी खतरा नही है. आप लोग अपने घर में रह सकते है और इस्लामिक क़ानून मानते हुए अपने जीवन को जी भी सकते है.
मीडिया में कुछ और, हकीकत कुछ और
ये सब तो मीडिया में छपने वाली खबरे है जबकि जब आप ग्राउंड रियालिटी पर देखने के लिए जाते है तो फिर आपको हकीकत कुछ और ही नजर आती है. अभी हाल ही में एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट में बताया गया है कि इन तालिबानियों ने कुल नौ हजारा समुदाय के लोगो को लाइन से बिठाकर के खत्म कर दिया. ये भी एक तरह का अल्पसंख्यक समुदाय है जो इस देश में रहता है.
वही आये दिन अभी काबुल से ही किडनैपिंग और उठाने से लेकर महिलाओ के साथ में गलत कार्य की खबरे आ रही है जिसे तालिबान महज एक काबुल में गुरुद्वारा की मीटिंग से ढकने की कोशिश कर रहा है ताकि चीजो को मीडिया में अपने पक्ष में किया जा सके. ये थोडा सा हैरान भी करता है कि तालिबान जैसे लोगो को इस तरह की चालाकी करना सिखा कौन रहा है?
खैर जो भी है अभी के लिए कमिटी के साथ में हुई मीटिंग तो यही कहती है. अभी के लिए हिन्दू समुदाय के लोग मुख्य रूप से भारत की तरफ देख रहे है क्योंकि एक तरह से ये हिन्दुओ के घर की तरह ही देखा जाता है जहाँ पर वो सबसे अधिक सुरक्षित महसूस कर सकते है.