प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि अपने आप में काफी करिश्माई मानी जाती है जो हर स्थिति में अपने लोगो के साथ में बने रहने में यकीन करते है और उनका एक मानना ये भी रहा है कि जो भी मानव सभ्यता के दुश्मन है उनसे कभी भी मित्रता हो ही नही सकती है. लग रहा है कि तालिबान को लेकर के भी उनकी पालिसी काफी अधिक क्लियर रहने वाली है. हाल ही में उन्होंने एक ट्वीट किया है जिसमे उनकी तरफ से बिना तालिबानियों का नाम लिये उनके ऊपर बड़ा प्रहार कर दिया गया है.
तोड़ने वाली शक्तियां कुछ समय के लिए हावी हो सकती है, लेकिन स्थायी नही
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमनाथ मंदिर के कार्यक्रम में संबोधन में पहुंचे थे. यहाँ पर उन्होंने एक तरह से बिना नाम लिए ही तालिबान को टारगेट पर ले लिया और भारत की मंशाओं को अपनी तरफ से साफ़ कर दिया. पीएम मोदी ने कहा कि जो ये तोड़ने वाली शक्तियां है और जो आतक के सहारे साम्राज्य खड़ा कर लेने वाली इनकी सोच है ये कुछ कालखंड के लिए भले ही हावी हो जाए मगर इनका अस्तित्व कभी भी स्थायी नही होता है.
आगे प्रधानमंत्री मोदी ने अपने वाक्य को बढाते हुए कहा ‘ये ज्यादा समय तक मानवता को दबाकर के नही रख सकते है.’ यहाँ पर पीएम मोदी ने तालिबान का नाम तो नही लिया लेकिन इस पूरे घटनाक्रम का बातो ही बातो में जिक्र करते हुए भारत का स्टैंड क्लियर कर दिया है कि हम सिर्फ और सिर्फ लोकतंत्र और मानवता के साथ में है. तुम चाहे कितने ही देश पर कब्जा कर लो लेकिन तुम्हे कभी रिकोगनाइज नही किया जाएगा और न ही वर्ल्ड कम्यूनिटी में सम्मान दिया जायेगा.
एस जयशंकर की भी नीति स्पष्ट, दुनिया इस लड़ाई को कमजोर करने वालो की तरफ ध्यान दे
अभी बीते दिनों में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी बयान में कहा था कि जो लोग और देश आतक के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करना चाह रहे है उनकी तरफ दुनिया को ध्यान देने की जरूरत है. कही न कही एस जयशंकर ने यहाँ पर पाकिस्तान और चीन की तरफ इशारा किया था जो लम्बे समय से तालिबान को सपोर्ट देने में लगे हुए है.
अभी के लिए भारत केवल वेट एंड वाच की स्थिति में है. कही न कही जो कुछ भी घटनाएं हुई है उसके बाद में भारत कभी तालिबान की तरफ मित्रता का हाथ नही बढ़ा सकता क्योंकि कंधार प्लेन जैसे केस भी भारत ने देख रखे है जिनके पीछे यही तालिबान था.