अभी इन दिनों में अफगानिस्तान में हालात किस तरह के बने हुए है ये किसी से भी छुपी छुपाई बात नही है और ऐसे वक्त में इस देश में हर कोई डरा हुआ है और ये हम सब लोग देख रहे है कि लोग तो क्या खुद अफगानिस्तान के राष्ट्रपति तक देश को छोड़कर के भाग गये है. कही न कही ये चीजे देखने से हमें एक बात तो मालूम चलती ही है कि चीजे अब काबुल में आउट ऑफ कण्ट्रोल है लेकिन अभी ऐसे वक्त में भी एक व्यक्ति है जिसे किसी से भी नही डर नही लगता है.
रतननाथ मंदिर के पुजारी ने कहा, मैं कही नही जाऊँगा मुझे डर नही लगता
संघ ने अपने मुखपत्र में अफगानिस्तान के एक हिन्दू पुजारी राजेश कुमार के बारे में जिक्र किया है. राजेश कुमार कहते है कि कुछ हिन्दुओ ने मुझसे काबुल छोड़ने के लिए आग्रह किया है और मेरी यात्रा आदि के लिए व्यवस्था करने की बात भी कही है. मगर एक बात ये भी है कि मेरे पूर्वजो ने सैकड़ो वर्षो से इस मंदिर की पूजा की है और इसे मैं इस तरह से नही छोड़ने वाला हूँ. अगर तालिबान मुझे खत्म भी कर देता है तो मैं इसे मंदिर के लिए अपनी सेवा मानता हूँ.
हिन्दू समाज में हो रही तारीफ़ एक तरफ जहाँ अमेरिका से लेकर अशरफ घनी तक हर कोई पीठ दिखाकर के भाग रहा है ऐसे वक्त में पंडित राजेश कुमार जैसे लोग है जिन्होंने तय कर लिया है कि वो इस तरह से अपना मंदिर किसी भी तालिबान वालो को सौंपने नही वाले है और अंतिम सांस तक वो इसकी रक्षा करने का कार्य करेंगे. कुल मिलाकर के उनका ऐलान यही है कि जब तक वो जीवित है तब तक मंदिर को नही छोड़ने वाले है.
आज क्या हालात है अफगानिस्तान में
आज की तारीख में अफगानिस्तान में हालात काफी अधिक बुरे हो गये है और राजधानी काबुल में तो सब कुछ बदतर सा हो गया है. राष्ट्रपति को देश छोड़कर के भागना पड़ रहा है. लडकियों के लिए घर से बहार जाना मुश्किल हो गया है और तो और कई पब्लिक प्लेसेज पर खुलेआम सामान उठाये जा रहे है.
ऐसे वक्त में अगर एक मंदिर का पुजारी इतनी हिम्मत दिखा रहा है तो कम से कम उससे तो बाकी अफगान नागरिको और वहाँ की मिलिट्री को सीख लेनी चाहिए थी जो उन्होंने नही ली है.