अभी के लिये अफगानिस्तान में हालात पूरी तरह से बिगड़ चुके है और स्थिति काफी ज्यादा खराब है ये हम लोग देख ही रहे है. जिस तरह से अचानक से तालिबान ने यूँ वहां की मौजूदा सरकार को हटाया और उसके बाद में पूरे देश पर ही कब्जा कर लिया वो अपने आप में चिंताजनक स्थिति है और कही न कही जो भी हालात बने है वो बताते है कि अब वहां पर मानवाधिकारों की तो कोई मौजूदगी ही नही बची है. अब इन सबके बीच में भारत उभरकर के सामने आया है और सबा चुप पड़े देशो को जगाने के काम पर लगा है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आपातकालीन बैठक, अफगान हालातो पर होगी चर्चा
अभी भारत की अध्यक्षता में तालिबान ने जो भी हरकते पिछले कुछ दिनों में की है उसके ऊपर एक बैठक बुलाई गयी है. इस बैठक में चीन, रूस, अमेरिका समेत दुनिया के सब ताकतवर देश शामिल होंगे. इस बैठक में इस बार के ऊपर विचार विमर्श होगा कि जो हरकते अभी तालिबान ने कर दी है और जो स्थिति अब अफगानिस्तान में मासूम लोगो की हो गयी है उसमे विश्व स्तर के देश आपस में मिलकर के क्या कर सकते है?
अभी फ़िलहाल के लिए तो भारत और अमेरिका समेत कई देश है जो ये तय कर चुके है कि ये तालिबान की सरकार को किसी भी कीमत पर मान्यता नही देंगे और अगर ये किसी तरह से रूस और चीन को दबाते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में ये रिजोल्यूशन पास करवा देते है तो तालिबान सरकार बनाकर के भी अफगानिस्तान में कोई गर्वार्निंग बॉडी नही माना जाएगा और ऐसे में अभी के लिए तो भारत यही कर सकता है.
पीस कीपिंग फ़ोर्स के लिए देर हो चुकी है
पहले ये चर्चा चल रही थी कि अफगानिस्तान की फ़ोर्स के सपोर्ट के लिए पीस कीपिंग फ़ोर्स भेजी जाए और लोगो की मदद हो लेकिन अब तो अफगान सेना मैदान छोडकर के ही भाग चुकी है तो ऐसे में पीस कीपिंग फ़ोर्स भेजना भी बिलकुल व्यर्थ ही होगा, कुल मिलाकर के ये मान सकते है कि अभी के लिए विश्व कम्यूनिटी के लिए अब अफगानिस्तान को बचाने के लगभग सारे रास्ते बंद हो चुके है.
हालाँकि अभी भारत सभी को एक टेबल पर लाकर के कुछ करने की कोशिश तो कर रहा है मगर अंत में इसके परिणाम क्या निकलते है ये वाकई में देखने वाली बात होगी जो रात तक स्पष्ट हो जाएगा.