आज विश्व कई खेमो में बंट चुका है और हर तरफ चीजे कही न कही बिखरी हुई सी ही नजर आती है क्योंकि जिस तरह से अभी एक नयी शक्ति यानी चीन अपना दबदबा बनाने की कोशिश कर रहा है उसके कारण से लोगो को बड़ी ही भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और विश्व में एक शक्ति का असंतुलन पैदा हो रहा है. ऐसे में विश्व की बड़ी शक्तियां जैसे भारत और अमेरिका आदि एक साथ आ रही है और इसका नमूना हाल ही में भारत की जमीन पर ही नजर आया है.
अमेरिकी विदेश मंत्री भारत पहुंचे, यहाँ पर तिब्बत की बाहर से चल रही सरकार से भी मिले
अमेरिका के विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकेन अभी हाल ही में भारत के दौरे पर पहुंचे है और यहाँ पर आते ही पहले तो इन्होने अपने समकक्ष विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाक़ात की. फिर इसके बाद में उनकी मुलाक़ात बाकी के बड़े लोगो जैसे अजीत डोभाल और पीएम मोदी से भी की मगर हाल ही में उन्होंने दलाई लामा के रिप्रेजेंटेतिव और तिब्बत की सरकार के लोगो से भी मुलाकात की है जो चीन को काफी अधिक चुभ गया है.
भारत से चलती है तिब्बत की बाह्य सरकार, आजादी के लिए कर रही है संघर्ष
आपको मालूम हो तो भारत में दलाई लामा ने शरण ली हुई है और तिब्बत पर चीन के कब्जे के बाद से वहाँ की सरकार भारत से ही अपना काम करती है, इसे बाह्य सरकार कहा जाता है जिसको चीन नही मानता है मगर एंथनी ब्लिंकेन ने भारत आकर के तिब्बत की सरकार के लोगो से मुलाक़ात करके उनका कद एक तरह से बढ़ा दिया है जो चीन को फ़िलहाल के लिए चुभने लग गया है.
भारत बदल रहा तिब्बत को लेकर अपनी नीति, अमेरिका कर रहा सपोर्ट
अभी चीन को काउंटर करने के लिए लगातार भारत और अमेरिका दोनों ही मिलकर के तिब्बत का मुद्दा उठा रहे है और फिर ताइवान का मामला तो होता ही है. इन सब चीजो को देखते हुए हम लोग एक बात को अच्छे से समझ सकते है कि आने वाला वक्त भारत प्लस अमेरिका और वर्सेज चीन होने वाला है.
इस मुलाकात के जवाब में चीन में बैठे हुए एक बुद्ध धर्मगुरु ने इन लोगो से लोगो को दूर रहने के लिए कहा है. हालांकि अभी सबसे बड़े धर्म गुरु यानी दलाई लामा भारत में बैठे हुए है.