मोदी सरकार और देश के सामने आजकल आये दिन कई तरह की दिक्कते देखने में आती रहती है और इनके लिए कुछ न कुछ उपायों की आवश्यकता भी रहती ही है कि किस तरह से आपस में सामंजस्य बिठाकर के चीजो को ठीक किया जा सकता है इसका उदाहरण तो हम पीएम मोदी के कई केसेज में देख ही सकते है लेकिन हाल ही में जो समस्या सामने आकर के खडी हो गयी है वो अपने आप में काफी अधिक चिंता पैदा करने वाली है और इससे कैसे निपटा जाये? इसी पर मंथन काफी जोर शोर के साथ में किया जा रहा है.
पाक सीमाओं पर बढ़ रहा ड्रोन का इस्तेमाल, सेना के लिए बढ़ रही दिक्कते
अभी फ़िलहाल पिछले कुछ वक्त से पाक ने भारत के अन्दर घुसने के लिए और भारत के लोगो को नुकसान पहुंचाने के लिए पहले के परम्परागत तरीको को बदल दिया गया है और ये अपने आप में चिंता की बात है. अब लोगो को भेजने की बजाय ड्रोन भेजे जा रहे है. इनकी मदद से जम्मू एयर बेस में भी नुकसान पहुंचाया गया था, जैसलमेर बॉर्डर पर से लेकर कश्मीर बॉर्डर पर बार बार ऐसे ड्रोन घुसते हुए देखे गये है. ये राष्ट्रीय सुरक्षा के हिसाब से ठीक नही है.
अभी रडार से इनकी ट्रेसिंग मुमकिन नही, नयी तकनीक की जरूरत ये ड्रोन बहुत ही अधिक छोटे होते है और काफी नीचे उड़ पाते है जिसके कारण भारत के पास में मौजूद रडार की पकड़ में ये आ नही पाते है. अब इन पर सैनिको को दूरबीन से नजर रखनी पडती है जो कही से भी पर्याप्त नही है और अगर ये दिख भी जाये तो इससे पहले कि इनको पकडे ये भाग जाते हा क्योंकि ये उड़कर के निकलते है.
ऐसे में भारत को एक मेकेनिज्म की जरूरत तो महसूस हो रही है जो ड्रोन को रोकने करने में सक्षम हो क्योंकि आने वाले समय में ये रिस्क भारत के बड़े शहरो पर भी आ सकता है और ऐसे में भारत कोई ऐसी तकनीक नही लाता जो इनको रोक सके तो ये दिक्कत वाली बात हो जायेगी.