वैसे तो जिस भी राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है वहां पर स्थिरता सर चढ़कर के बोलती है क्योंकि यहाँ पर नेता अपने अनुशासन के लिए जाने जाते है और साथ ही साथ में हाई कमान की पकड़ हर जगह पर इतनी अधिक मजबूत है कि कोई भी उनके खिलाफ जाने या फिर उनके आदेश को न मानने की भूल कर नही सकता है. मगर फिर भी राजनीति अपने आप में दुविधाओ का खेल है और यहाँ पर इस तरह की चीजे होती रहती है जो हम लोगो ने देखी है. अभी ऐसा ही कुछ हो रहा है.
तीरथ सिंह रावत ने सौंपा इस्तीफ़ा, नही रहे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री
अभी हाल ही में आपको मालूम हो तो तीरथ सिंह रावत कुछ वक्त पहले ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने थे और सीएम बनने के बाद से ही वो अपने बयानों के लिए काफी अधिक चर्चा में रहते थे. दरअसल उनको बीजेपी हाईकमान ने सीएम तो बना दिया लेकिन वो विधायक का पद हासिल नही कर पाए थे और अब हाल ही में कोई उपचुनाव होने की संभावना भी नजर नही आ रही है जिसके जरिये वो मुख्यमंत्री पद पर बने रह सके.
इसलिए आपसी समझ के आधार पर उन्होंने इस्तीफा दे दिया है और इस इस्तीफे के बाद में बीजेपी हाई कमान ये नही चाहता है कि फिर से यही पहले वाली स्थिति नए मुख्यमंत्री के साथ में भी पैदा हो जाए और देखते ही देखते दिक्कते आये. इस कारण से अब भाजपा हाई कमान ने लगभग यही निर्णय लिया है कि आने वाला जो भी कार्यकाल बचा है उसमे सिर्फ उसी को सीएम पद दिया जाये जो पहले से विधायक हो इसलिए कोई भी विधायको को मुख्यमंत्री बना दिया जाएगा.
खैर जो भी है तीरथ सिंह रावत ने कोशिश बहुत ही अधिक की कि वो बेहतर बने और काम करे लेकिन किस्मत उनके साथ में नही थी इसलिए मुख्यमंत्री बनकर के भी वो लम्बे समय तक उत्तराखंड पर राज नही कर पाए.