आज कोई माने या फिर न माने लेकिन उद्धव ठाकरे आज महाराष्ट्र की राजनीति में सबसे बड़ा नाम है और ये सब कही न कही उनके पिता बाल ठाकरे की विरासत है जिसकी बदौलत वो आज इस मुकाम पर है. खैर अब तक शिवसेना को देखे तो ये पार्टी आम तौर पर मराठी मानुष और मराठी वोट्स पर ही अधिक फोकस करती थी और ये बात हम लोगो ने लगभग हर जगह पर हर केम्पेन में देखी और महसूस भी की है. मगर बदलते हुए वक्त के साथ में हर किसी को बदलना पड़ता है और ऐसा ही कुछ यहाँ पर भी है.
शिवसेना का नया नारा, मुंबई मा जलेबी फाफडा, उद्धव ठाकरे आपडा
अब आप तो जानते ही है कि शिवसेना का मूल वोट बैंक सिर्फ मराठी लोग है लेकिन अब मुंबई और महाराष्ट्र में बाकी राज्यों और क्षेत्रो के लोगो का भी आगमन बढ़ा है और इनकी अच्छी खासी पापुलेशन बन चुकी है. फ़िलहाल गुजरातियों का प्रतिशत इनमे काफी अधिक है और ये बड़े ही धनी लोग भी है. अब शिवसेना ने गुजरातियों को खुश करके अपने पाले में करने के लिए केम्पेन चलाना शुरू किया है.
इसके लिए एक नारा ‘मुंबई माँ जलेबी फाफडा, उद्धव ठाकरे आपडा’ का स्लोगन भी लांच किया गया है. ये काफी अधिक बेहतरीन हो सकता है और लोग इसको लेकर के अपने अपने तरीके से देख रहे है कि शिवसेना जो कभी बड़ी क्षेत्रवादी पार्टी हुआ करती थी वो अपना रूप स्वरुप बदलने के ऊपर काम कर रही है.
मगर एक सवाल ये भी है कि जिस तरह का इतिहास रहा है उसके बाद में क्या वाकई में बाहर प्रदेश से आने वाले लोग शिवसेना को वैसे देख पायेंगे जैसे बीजेपी या फिर कांग्रेस को देख पाते है जो लगभग हर प्रदेश के लोगो को समान तरीके से लेकर के चलती है. वही गुजराती लोगो पर तो मोदी और शाह का जो प्रभाव है उसे काउंटर करना भी उतना अधिक आसान काम नही है.