पिछले कुछ एक दिनों से गृह मंत्रालय में हलचल काफी अधिक बढ़ गयी है और हम लोग इसे खूब अच्छे तरीके से देख भी रहे है और समझ भी रहे है. दूसरी तरफ कश्मीर को देखे तो वहां पर सेना की 200 कम्पनियां अभी पिछले एक हफ्ते में भेजी गयी है यानी कुछ कनेक्शन तो जरुर है, और अभी गत देर रात को जो मीटिंग गृह मंत्रालय में चली है वो तो इसकी पुष्टि बहुत हद तक कर भी देती है इस बात में भी कोई संशय नही है. चलिए फिर मामला थोडा जान लेते है.
अमित शाह ने ली बैठक, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी मौजूद रहे
सूत्रों के अनुसार कल देर रात को गृह मंत्री अमित शाह ने एक उच्च स्तरीय मीटिंग की है जिसमे दो मुख्य अधिकारी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और जम्मू कश्मीर के डीजीपी भी मौजूद थे. इनके साथ में बैठक करने के दो ही कारण हो सकते है, पहला तो ये कि कश्मीर में कोई स्थिति बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है जिसको कण्ट्रोल करने के लिए प्लानिंग चल रही है.
दूसरी प्लानिंग हो सकती है जम्मू कश्मीर में और अधिक कानूनी बदलाव करके इसको स्थिर करने की. ये बदलाव जम्मू को अलग राज्य बनाने, पंडितो को बसाने या फिर पीओके पर कार्यवाही करने से लेकर कुछ भी हो सकता है, इस मामले में सब कुछ स्पष्ट तो तब ही हो पायेगा जब सरकार खुद इस मामले पर आएगी और बोलकर के बताएगी.
आपको अगर याद हो तो इस तरह का माहौल कुछ वर्ष पहले भी बना था और अचानक से जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म हो गया था. यानी इस सरकार में दम तो है, ये जो कहती है या फिर प्लान करती है वो करके दिखा ही देती है और इस कारण से पिछले दस वर्षो के समय में मोदी की लोकप्रियता हो या फिर अमित शाह का कद हो हर जगह पर बढ़ा ही बढ़ा है.