भारत में राजनीतिक प्रतिद्वंदिता अपनी जगह पर है और काम काज अपनी जगह पर है इस बात में कोई भी संशय नही है और उसी के हिसाब से चीजे कार्य भी करती है ये बात हम लोग बहुत ही बेहतरी के साथ में जानते भी है. अब हम अक्सर देखते है कि राजनीतिक मंचो पर जो नेता एक दुसरे को बड़ा ही भला बुरा कहते है वो लोग आपस में जब एक दुसरे से सीएम पीएम आदि के तौर पर मिलते है तो बड़े ही अच्छे से मिलते और बाते करते है, ये अपने आप में एक बाध्यता है.
पीएम मोदी से मिलने गये उद्धव ठाकरे, निजी बैठक में कई मुद्दों पर ध्यान आकर्षित किया
अभी हाल ही में उद्धव ठाकरे राजधानी नयी दिल्ली पहुंचे. पहुंचने के बाद में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के आवास पर जाकर के उनके साथ में एक निजी मुलाक़ात की जिसमे उन्होंने मराठा आरक्षण के मुद्दे पर मोदी जी से बात की, फिर उनके कई मुद्दे जैसे मेट्रो कार शेड योजना, क्रोप इंश्योरेंस और मराठी भाषी लोगो को लेकर के थे. पीएम से उन्होंने तूफ़ान से हुए नुकासान पर गुजरात की ही तर्ज पर मुआवजे और मदद की मांग भी की.
पूछा क्यों मिले, तो बोले नवाज शरीफ से मिलने थोड़ी गया था जब इस बैठक के बाद में सवाल उठे और लोगो ने पूछा कि आप अपने विरोधी मोदी से मिलने यूँ कैसे चले गये दोनों के बीच में क्या चल रहा है? इस पर उद्धव ठाकरे ने जवाब देते हुए कहा कि भले ही राजनीतिक रूप से हम लोग अब साथ में नही है लेकिन इसका मलतब ये भी नही है कि हमारा रिश्ता खत्म हो गया है.
मैं कोई नवाज शरीफ से मिलने के लिए थोड़ी गया था जो उनसे छुपकर के मिलता? अगर मैं उनसे मिलने के लिए चला भी गया तो फिर इसमें गलत क्या है? अब खैर जो भी है इस तरह के राजनीतिक डेवलपमेंट से भविष्य की किसी चीज की उम्मीद लगाना भी कुछ ज्यादा ठीक नही है.