अभी ममता बनर्जी और मोदी सरकार के बीच में खींचतान बनी ही हुई है और हर चीज को लेकर के यहाँ पर केंद्र और राज्य के लोग आपस में आमने सामने हुए नजर आते है. कही न कही इस बारे में आप भी अच्छे से जानते ही होंगे, खैर अब जो भी है अगर हम लोग अभी के नजरिये से बात करते है तो अभी हाल ही में केंद्र ने अपनी पॉवर दिखाई थी जिसकी वजह से ममता बेबस हो गयी लेकिन यहाँ पर ममता ने एक अलग ही लेवल का खेला कर दिया है, जिसमे केंद्र के हाथ बंध से गये है.
ममता के प्रमुख सचिव को हटाकर ट्रांसफर कर चुका था केंद्र, ममता ने रिटायरमेंट दिलाकर सलाहकार नियुक्त कर दिया
ममता बनर्जी के प्रमुख सचिव अभी तक अलपन बन्दोपध्याय हुआ करते थे जिनकी नियुक्ति और ट्रांसफर आदि का एक तरह से फाइनल अधिकार केंद्र के पास में ही होता है क्योंकि वो एक आईएएस अधिकारी होते है, अब उनके ट्रांसफर के बाद में ममता काफी बेबस सी हो जाती क्योंकि उनके साथ में ममता बनर्जी की ट्यूनिंग अच्छी थी और काम भी खूब सही चल रहा था दोनों का. ऐसे में ट्रांसफर होने से ममता बनर्जी अकेली रह जाती.
अब ममता ने यहाँ पर एक खेल खेला जिसमें ममता के प्रमुख सचिव ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और उसके कुछ ही समय के बाद में ये खबर बाहर आयी कि उनको अब ममता सरकार में मुख्य सलाहकार की नियुक्ति दे दी गयी है यानी अब उनके पद का कण्ट्रोल खुद ममता बनर्जी के हाथ में रहेगा और वो राज्य की सेवा में होंगे न कि मोदी सरकार के अंडर होंगे.
कही न कही इसमें ममता ने एक दिमागी खेल खेला है और ऐसे में मोदी और शाह के लिए चुनौती और भी बड़ी हो जाती है क्योंकि इस तरह के विरोधी नेता से उनका पाला अब तक पड़ा नही है, पर जब अब पड़ा है तो उस हिसाब से निपटना भी होगा.