नरेंद्र मोदी वर्ष 2014 में देश के प्रधानमंत्री बने थे और उनका यूँ अचानक से देश की राष्ट्रीय स्तर की राजनीति में आ जाना अपने आप में बहुत सारे लोगो के लिए अचंभित करने वाला था. खैर वो आये और उन्होंने बहुत ही अच्छे से कार्य किया. उनके राज काज में राम मंदिर का फैसला, 370 का हटना और तीन तलाक जैसे कई बड़े बड़े फैसले हुए जिनको लेकर के लोगो ने उनकी तारीफ़ की लेकिन करोना के कारण लोगो को चिंता हुई कि अब आगे मोदी का क्या होगा? मगर एबीपी के सर्वे ने सारी तस्वीर क्लियर कर दी है.
शहर के 66 फीसदी लोगो ने माना मोदी है सक्षम
अभी हाल ही में एक सर्वे किया गया था जिसमें एबीपी का सी वोटर डाटा कलेक्ट करके लाया था और जो इसमें नतीजे आये वो काफी बेहतरीन थे. इसमें 66 प्रतिशत लोगो ने माना है कि प्रधानमंत्री मोदी करोना से लड़ने में पूरी तरह से सक्षम है. हालांकि ग्रामीण आबादी में ये कुछ 22 फीसदी के आस पास है जिसके पीछे का कारण क्या है ये कोई भी नही जानता है.
वही राहुल को लेकर के जब सर्वे किया गया तो राहुल गांधी के पक्ष में शहरी इलाको के सिर्फ 22 प्रतिशत और ग्रामीण इलाको के सिर्फ 20 प्रतिशत लोग ही थे जो बाकी लोगो की तुलना में बहुत ही अधिक कम थे. हालांकि ऐसा नही है कि सब मोदी सरकार से संतुष्ट ही है. लगभग 44 फीसदी लोगो ने इस बात पर भी सहमती जताई है कि मोदी सरकार करोना से पूर्ण रूप से निपट पाने में समर्थ साबित हुई है.
खैर डाटा और वोट कुछ मोदी के कम जरुर हुए है लेकिन फिर भी आज भी वो बहुमत में ही नजर आते है और राहुल गांधी के पास में तो उनके आधे का आधा जन आधार भी नही नजर आता है तो ऐसे में वो मोदी को कैसे और कहाँ पर चुनौती देंगे? ये तो वो ही बता सकते है.