अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश में पंचायत स्तर के चुनाव हुए है और जब ये चुनाव हुए तो फिर कई लोगो को लग रहा था कि बीजेपी यहाँ पर काफी अधिक मजबूत है और कोई दूसरी पार्टी एक तरह से शायद टिक ही नही पाएगी, लेकिन लग रहा है कि अभी के इन दिनों में सियासी बयार कुछ बदली बदली सी नजर आ रही है और ये अपने आप में बीजेपी के लिए भी चिंतनीय स्थिति सी बनते हुए दिख रही है. चलिए पहले तो कुछ एक चुनावी नतीजो के ऊपर गौर कर लेते है.
बीजेपी का हो रहा यूपी पंचायत चुनावों में बुरा हाल, केन्द्रीय कमान के लिए चिंता का विषय
भाजपा ने ऐसा नही है कि यूपी के पंचायत चुनावों में बहुत ही खराब प्रदर्शन किया है मगर हाल ही में जो समाजवादी पार्टी की पकड़ मजबूत हुई है बसपा उभरकर के फिर से सामने आयी है वो बीजेपी के लिए चिंता का विषय जरुर है क्योंकि तीन कोर क्षेत्र यानी काशी मथुरा और अयोध्या जहाँ पर हिंदूवादी राजनीति भी काफी ज्यादा चलती है वहाँ भी बीजेपी को जीत नही मिल पायी है.
वाराणसी यानी काशी जिला पंचायत में 40 में से सिर्फ 8 सीट्स ही बीजेपी के खाते में आयी है जबकि ये खुद प्रधानमंत्री मोदी का अपना संसदीय क्षेत्र है. मथुरा में भी जहाँ बसपा 12 सीट ले गयी वही बीजेपी को सिर्फ 8 के साथ ही संतोष करना पड़ा है. वही अयोध्या जहाँ पर राम मंदिर का कार्य हो रहा है वहाँ पर बीजेपी को 40 में से सिर्फ 6 ही सीट मिली है जबकि सपा यहाँ पर पूरी 24 सीट्स ले गयी है. जहाँ पर बीजेपी राम मंदिर को लेकर के इतना काम कर रही है वहां पर ऐसा कैसे हो गया ये हर किसी की समझ से परे है.
खैर जिस तरह से इन जिला पंचायत चुनावों में बीजेपी को काफी अधिक हार देखनी पड़ी है उसके बाद में अब योगी आदित्यनाथ को अगले साल होने वाले यूपी के विधानसभा चुनावों के लिए और अधिक तैयारी करने की जरूरत पड़ने वाली है.