अभी पिछले दो वर्षो से मोदी सरकार को बिलकुल भी चैन नही मिल पा रहा है. एक के बाद एक कुछ न कुछ दिक्कते चलती ही रहती है और ऐसे में न सिर्फ अर्थव्यवस्था का बंटाधार हो गया है बल्कि हालात इतने ज्यादा बुरे है कि सरकार अपने ही करीबी लोगो पर प्रेशर बनाने पर भी मजबूर हो गयी है. खैर अभी बात करते है हम पनप रही नयी दिक्कत की जिसने केंद्र सरकार की हवा एकदम से टाइट कर दी है और इससे कैसे निपटा जायेगा ये अभी कोई भी समझ नही पा रहा है.
देश भर में टीको का स्टॉक खत्म, राज्यों की हालत है खराब
अभी हाल ही में जितनी भी मीडिया रिपोर्ट्स सामने आयी है उसके अनुसार देश में टीको का स्टॉक खत्म लगभग हो ही चुका है. महाराष्ट्र और राजस्थान समेत कई राज्यों में मुश्किल से एक दिन दो दिन का स्टॉक टीको का बचा हुआ है और कई टीकाकरण केंद्र तो अभी से ही बंद होने लग गये है. ऐसे में अभी सप्लाई आनी बंद होने से राज्य चिंतित है और केंद्र से फिर से टीको की सप्लाई करने के लिए कह रहे है.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तो बाकायदा एक पूरा पत्र लिखकर के स्थिति से अवगत करवाया है और तुरंत प्रभाव से कम से कम 30 लाख टीके उपलब्ध करवाने के लिए कहा है. हालांकि ऐसा नही है कि इनका उत्पादन बंद हो गया है, सीरम इंस्टीटयूट हो या फिर भारत बायोटेक हो सब कम्पनियां अपने अपने पूरे पॉवर के साथ में उत्पादन में लगी हुई है और हर रोज लाखो की संख्या में टीके बन भी रहे है लेकिन क्योंकि भारत की आबादी बहुत ही ज्यादा है, तो ऐसे में कुछ समय तो लगता ही है.
दूसरी लहर के कारण बढ़ गया है अधिक दबाव
पहले टीकाकरण का प्रोग्राम काफी ज्यादा आराम के साथ में चलाया जा रहा था लेकिन अभी हाल ही में जो बहुत ही तेजी के साथ में केस बढे है उसके कारण लोगो के जान काफी अधिक तेजी के साथ में जा रही है और फिर ऐसे में दूसरी लहर का प्रभाव रोकने के लिए तेजी के साथ में टीकाकरण किया जाना बेहद ही जरूरी है और ये किया भी जा रहा है. हालांकि अभी इसमें टाइम जरुर लगने वाला है मगर सरकार को उम्मीद है कि आने वाले हफ्ते भर में इस वैक्सीन की जो कमी आ रही है उसे सुलझा लिया जाएगा.
ऐसे में मोदी सरकार पर एक दबाव और भी है कि जो दुनिया भर के गरीब देशो को टीका भेजा जा रहा है उसे भी कुछ समय के लिए रोक दिया जाये ताकि भारत के जो आम लोग है उनकी मदद की जा सके और उनके लिए कुछ राहत पहुंचे.