तीन अलग अलग पहियों पर चलने वाली महाराष्ट्र की सरकार आये दिन किसी न किसी दिक्कत में फंसती ही रहती है और ऐसा इसलिए भी है क्योंकि कई बार वैचारिक मतभेद हो जाते है तो कई बार कुछ चीजो को लेकर के ऐसी पोल भी खुल जाती है जो आपस में विवाद खड़े कर देती है. अभी हाल ही में फिर से एक बार ऐसा ही कुछ हुआ है और महाराष्ट्र सरकार में इस्तीफे का एक दौर आया है जिसने वहां की बड़ी पार्टी यानी एनसीपी तक को भी झुका सा दिया है.
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख का इस्तीफ़ा, एनसीपी को बड़ा झटका
अभी हाल ही में महाराष्ट्र के गृह मंत्री और महाराष्ट्र में नम्बर दो के सबसे पॉवरफुल मिनिस्टर कहे जाने वाले अनिल देशमुख ने इस्तीफा दे दिया है. अनिल देशमुख ने इसी के साथ में एक पत्र भी लिखा है जिसमे उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों और जो कुछ भी सीबीआई जांच आदि हो रही है उसके बाद में नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने की बात कही है. इस इस्तीफे के बाद में एनसीपी की शक्ति सरकार में कम हो गयी है.
हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के दिए आर्डर के बाद में बढ़ गया था तनाव
सचिन वाजे के एंटीलिया से कनेक्शन और फिर परमबीर सिंह द्वारा लगाये गये 100 करोड़ की उगाही के आरोप के बाद में अनिल देशमुख पहले ही काफी बुरी स्थिति में थे और अभी हाल ही में हाई कोर्ट ने भी उनके खिलाफ मिल रहे सबूतों और गवाहों को ध्यान में रखते हुए उनके खिलाफ सीबीआई जांच करवाने को लेकर के आदेश पारित किया है. इसके बाद में देशमुख शरद पवार से मिले थे और उन पर इतना दबाव बढ़ा कि उनको होम मिनिस्टर की कुर्सी आखिरकार छोडनी ही पड़ी है.
बीजेपी ने पूछा, उद्धव ठाकरे की नैतिकता कहाँ गयी
अब जब सरकार में इतना कुछ हो रहा था तो सिर्फ गृह मंत्री ही क्यों मुख्यमंत्री तक भी आंच तो पहुंचेगी ही. केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने उद्धव ठाकरे से भी इस्तीफे की मांग करते हुए सवाल उठाया कि अब उनकी नैतिकता आखिर कहाँ पर चली गयी है? बीजेपी और बाकी पार्टियों के नेता भी अभी फ़िलहाल के लिए तो उद्धव ठाकरे को लेकर के यही कहते हुए नजर आ रहे है.
ऐसे में अभी महाअघाडी सरकार के ऊपर दबाव बहुत ही भारी तरीके से बढ़ गया है और किस पल ये सरकार किस स्थिति में पहुँच जाए या फिर गिर भी जाये इस पर कुछ भी अभी फ़िलहाल के लिए तो कहा नही जा सकता है.