अभी आपको अगर मालूम हो तो मोदी सरकार कई सारे ऐसे फैसले ले रही है जो कुछ लोगो को काफी अधिक पसंद आ रहे है और कई सारे लोगो को नापसंद आ रहे है. सब अपने अपने फायदे के हिसाब से चीजो को और फैसलों को देखते है इस बात में कोई भी शक नही है. खैर जो भी है अगर हम लोग अभी की बात करते है तो इन दिनों में मोदी सरकार ने कुछ एक बड़े फैसले लिए है जो आपको मालूम होने चाहिए और ये काफी बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है.
दो और बैंको का होगा निजीकरण, प्राइवेट कम्पनियों को बेचे जायेंगे
मोदी सरकार पिछले कुछ समय से अपनी कई सरकारी कम्पनियों को या तो बेच रही है या फिर उनमे हिस्सेदारी बेच रही है और प्राइवेट खिलाड़ी भी बढ़ चढ़कर के इनमे हिस्सा ले रहे है और खरीद भी रहे है. अभी हाल ही का जो मामला देखने सुनने में आया है वो तो हर किसी को चौंका रहा है क्योंकि सरकार ने अभी हाल ही में फैसला लिया है कि दो बड़े सरकारी बैंको का भी निजीकरण दिया जाएगा.
हालांकि अभी ये दो बैंक कौनसे होने वाले है इसको लेकर के नाम बाहर नही रखे गये है और इसी वजह से सारे सरकारी बैंको की लॉबी में चिंता जागने लग गयी है, कोई भी इस बात को समझ नही पा रहा है कि इस चीज को हेंडल किस तरह से किया जाये? सूत्रों की माने तो जिन बैंक्स को बेचने की बात हो रही है उनमे बैंक ऑफ महाराष्ट्र, यूको बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का नाम सबसे आगे चल रहा है. हालांकि और कोई दूसरा नाम भी बाहर आ सकता है इस पर अभी कुछ तय नही किया जा सकता है.
रेलवे और बाकी एसेट के जरिये भी सरकार कमाने वाली है अरबो खरबों रूपये
सरकार अभी रेलवे में भी कई एरिया को प्राइवेट सेक्टर को सौंपेगी और उनसे निश्चित रकम हासिल करेगी. इसके अलावा और भी अपने कई एसेट को मोनेटाइज किया जाएगा जिससे सरकार को जमकर के भरपूर फायदा होने वाला है. सरकार आने वाले वक्त में देश के इन्फ्रा में 100 लाख करोड़ का निवेश करने का प्लान बना रही है और इसके लिए सरकार को कैश यही से ही मिल सकता है.
हालाँकि सरकारी बैंको के कर्मचारी इस खबर के बाहर आने के बाद में थोड़े नाराज से नजर आ रहे है और आने वाले वक्त में इसके कारण बैंको में हड़ताले आदि की खबरे भी बाहर आ सकती है जो चिंता पैदा करती है.