भारत हमेशा ही दुनिया भर के सारे देशो के साथ में अपने संबंधो को बेहतर रखने और बनाये रखने की कोशिश करता है. ये चीज जरूरी इसलिए भी है क्योंकि आज दुनिया पूरी तरह से ग्लोबलाइज हो चुकी है और इस दौर में चीजे बहुत ही अलग टाइप से कार्य करती है. ऐसे वक्त में अब जब भारत अपनी बातो पर टिका रहता है तो कई देश ऐसे भी है जो मुकरने में टाइम नही लगाते है. फिर भारत भी सबक सिखाने में देरी नही करता है. ऐसा एक बार फिर से हुआ भी है.
सऊदी अरब ने दिया था तेल के दाम न बढाने का भरोसा, भारत ने किया था मुश्किल वक्त में सपोर्ट
ये तब की बात है जब दुनिया भर में लॉकडाउन लग गया था और कच्चे तेल के दाम बहुत ही बुरे तरीके से गिरे थे. उस वक्त में सभी देशो ने अरब देशो का फायदा उठाना शुरू कर दिया, ऐसे वक्त में भारत ने अरब देशो से तेल की खरीद सही दामो पर जारी रखी और उनसे भरोसा लिया कि जब स्थिति सामान्य होगी तब तेल के दाम वो जरूरत से ज्यादा बढ़ायेंगे.
अब काम निकल गया तो मनमर्जी से बढाने लगे दाम
अब दुनिया सामान्य स्थिति में है और तेल की मांग बढ़ने लगी तो सऊदी अरब ने दुनिया भर में मनमाने तरीके से दाम बढाने शुरू कर दिए. भारत के कहने पर वो कुछ वक्त के लिए रुके लेकिन फिर उन्होंने ये कह दिया कि आपने जो लॉकडाउन के टाइम में सस्ते में तेल खरीदा था उसका उपयोग क्यों नही करते हो? अब सऊदी मान नही रहा था और इस कारण से भारत के ऊपर आर्थिक दबाव भी बढ़ा और भारत के अन्दर तेल की कीमत भी बढ़ने लगी.
भारत ने सऊदी को छोड़ा, अमेरिका से तेल खरीदने का फैसला किया तो हो गयी हवा टाइट
अभी हाल ही में भारत ने सऊदी अरब से अपने तेल के आयात को बहुत ही तेजी से गिरा दिया है और फ़िलहाल भारत अमेरिका से कच्चे तेल का आयात कर रहा है जो बहुत ही ज्यादा कम और बेहतर कीमत पर मिल रहा है. इससे भारत को हर वर्ष कई बिलियन डॉलर का लाभ हो रहा है और सऊदी को हर वर्ष कई बिलियन डॉलर का नुकसान होगा, यही नही सऊदी के कच्चे तेल के निर्यात भी इस वजह से घटे है.
भारत ने यहाँ पर अपनी कूटनीति अपने हिसाब से चली है और लोग देखते रह गये कि किस तरह से हिंदुस्तान सब कुछ अच्छे तरीके से सेटल करते हुए चल रहा है. ये चीजे बताती है कि भारत अब कोई कच्चा खिलाड़ी नही रह गया है.